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21वीं सदी के श्रवण कुमार, स्कूटर पर बैठाकर मां को कराई तीर्थ यात्रा
असम। बचपन से हम एक पौरोणिक कहानी सुनते आए है। जिसमें श्रवण कुमार अपने
अंधे मां-बाप को कंधे पर बैठाकर चार धाम की यात्रा कराता है। आज के समय में
यह नामुमकिन सा लगता है। लेकिन कर्नाटक के मैसूर में रहने वाले एक डॉक्टर
कृष्णा कुमार ने अपनी ढलती वर्ष की उम्र में एक नया इतिहास रच दिया है।
डॉक्टर कृष्णा कुमार ने अपने काम से यह साबित कर दिया कि आज के समय में भी
श्रवण कुमार बनना संभव है।
उनके इस कारनामे की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। कृष्ण कुमार ने 70 साल की अपनी बूढ़ी मां को स्कूटर पर बैठाकर कई तीर्थ स्थलों के दर्शन करवाए। उन्हें अगर 21वीं सदी का श्रवण कुमार कहा जाए तो बड़ी बात नहीं होगी।
हाल ही में वे अपनी मां को स्कूटर पर लेकर इस यात्रा के दौरान तिनसुकिया पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह उनका मातृ सेवा संकल्प यात्रा है। उन्होंने ये यात्रा 16 जनवरी 2018 को मैसूर से शुरू की थी।
उनके इस कारनामे की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। कृष्ण कुमार ने 70 साल की अपनी बूढ़ी मां को स्कूटर पर बैठाकर कई तीर्थ स्थलों के दर्शन करवाए। उन्हें अगर 21वीं सदी का श्रवण कुमार कहा जाए तो बड़ी बात नहीं होगी।
हाल ही में वे अपनी मां को स्कूटर पर लेकर इस यात्रा के दौरान तिनसुकिया पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह उनका मातृ सेवा संकल्प यात्रा है। उन्होंने ये यात्रा 16 जनवरी 2018 को मैसूर से शुरू की थी।
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