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गुलाबी नगरी की शान है ये महल, क्या आप जानते हैं ये बातें...
हवामहल का इतिहास...
महल का डिजाइन लाल चंद उस्ताद ने हिन्दू देवता श्री कृष्ण के मुकुट के रूप में बनाया था। इस महल का बाहरी भाग मधुमक्खियों के शहद के छत्ते की तरह लगता है।
इस महल में 953 छोटी खिड़कियां है, इन खिड़कियों में अनोखा जाली का काम किया गया है। इन जालियों को इस लिए लगवाया गया था, ताकि राजघराने की महिलाएं गली की रोजमर्रा की जिंदगी को देख सके। इन खिड़कियों को झरोखा भी कहा जाता है।
महल का डिजाइन लाल चंद उस्ताद ने हिन्दू देवता श्री कृष्ण के मुकुट के रूप में बनाया था। इस महल का बाहरी भाग मधुमक्खियों के शहद के छत्ते की तरह लगता है।
इस महल में 953 छोटी खिड़कियां है, इन खिड़कियों में अनोखा जाली का काम किया गया है। इन जालियों को इस लिए लगवाया गया था, ताकि राजघराने की महिलाएं गली की रोजमर्रा की जिंदगी को देख सके। इन खिड़कियों को झरोखा भी कहा जाता है।
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