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भविष्य बताते हैं हनुमानजी, रेल की गति हो जाती है धीमी
300 साल पुराना है मंदिर—कहते हैं कि यह मंदिर करीब 300 साल पुराना
है। यहां पर हनुमानजी भगवान गणेशजी के साथ विराजमान हैं। स्थानीय लोगों का
कहना है कि मंदिर का निर्माण ठा. देवीसिंह ने करवाया था। यहां वर्ष 1959
में संत कमलनयन त्यागी ने अपने गृहस्थ जीवन को त्याग कर उक्त स्थान को अपनी
तपोभूमि बनाया और यहां पर उन्होंने 24 वर्षों तक कड़ी तपस्या कर सिद्धियां
प्राप्त की थी। इसलिए यह मंदिर बहुत ही सिद्ध मंदिर माना जाता है।
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