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‘नर्क का दरवाजा’ है ये गड्डा, 40 सालों से हो रहा ऐसा...
1971 में सोवियत संघ के वैज्ञानिकों ने मिथेन गैस को जमा करने के लिए यहां
ड्रिलिंग की थी। एक दिन यहां विस्फोट हुआ जिसके बाद ‘नर्क के दरवाजे’ के
नाम से मशहूर ये गड्ढा गैस क्रेटर बना।
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