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नौवीं कक्षा के छात्र ने हथेली के आकार का बनाया कंप्यूटर सीपीयू, सीएम ने दी बधाई
चेन्नई। तिरुवरूर जिले के नौवीं कक्षा के छात्र एसएस माधव ने हथेली के आकार का कंप्यूटर सीपीयू बनाया, जिसके बाद उसके इस अद्भुद निर्माण के लिए मुख्यमंत्री स्टालिन ने उसे शुभकामनाएं दी। लड़के के नवाचार की सराहना करते हुए स्टालिन ने माधव को कंप्यूटर से संबंधित अध्ययन और अनुसंधान के लिए राज्य सरकार की सहायता का आश्वासन दिया।
कोविड लॉकडाउन के दौरान अपने स्कूल के बंद होने के साथ, माधव ने जावा, पायथन, सी, सी प्लस प्लस और कोटलिन जैसे सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का ऑनलाइन अध्ययन करने में समय बिताया।
पिछले दो साल से वह एक हथेली के आकार के सीपीयू की डिजाइनिंग और निर्माण में लगे हुए थे और सफल हो गए।
उन्होंने मुंबई में विक्रेताओं से आवश्यक पुर्जे, मदरबोर्ड मंगवाए थे और इसे डिजाइन किया था।
माधव के मुताबिक 20 बार फेल होने के बाद उन्हें अपने 21वें प्रयास में सफलता मिली।
उन्होंने मिनी-सीपीयू को 8,000 रुपये की कीमत पर ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया है और टेराबाइट इंडिया सीपीयू मैन्युफैक्च रिंग कंपनी नाम से एक कंपनी भी बनाई है।
एक टेलीविजन चैनल से बात करते हुए माधव ने कहा कि वह विभिन्न आउटलेट्स के माध्यम से उत्पाद को 1,000 रुपये से 2,000 रुपये में रिटेल करना चाहते हैं।
वह अब तक करीब 15 सीपीयू बना और बेच चुका है।
माधव की मां के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान समय बर्बाद न करने के लिए उन्होंने कुछ कंप्यूटर क्लास जॉइन की थी।
हालांकि, आईएएनएस के कई बार प्रयास करने के बावजूद वह टिप्पणियों के लिए उपलब्ध नहीं थे।
कोविड लॉकडाउन के दौरान अपने स्कूल के बंद होने के साथ, माधव ने जावा, पायथन, सी, सी प्लस प्लस और कोटलिन जैसे सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का ऑनलाइन अध्ययन करने में समय बिताया।
पिछले दो साल से वह एक हथेली के आकार के सीपीयू की डिजाइनिंग और निर्माण में लगे हुए थे और सफल हो गए।
उन्होंने मुंबई में विक्रेताओं से आवश्यक पुर्जे, मदरबोर्ड मंगवाए थे और इसे डिजाइन किया था।
माधव के मुताबिक 20 बार फेल होने के बाद उन्हें अपने 21वें प्रयास में सफलता मिली।
उन्होंने मिनी-सीपीयू को 8,000 रुपये की कीमत पर ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया है और टेराबाइट इंडिया सीपीयू मैन्युफैक्च रिंग कंपनी नाम से एक कंपनी भी बनाई है।
एक टेलीविजन चैनल से बात करते हुए माधव ने कहा कि वह विभिन्न आउटलेट्स के माध्यम से उत्पाद को 1,000 रुपये से 2,000 रुपये में रिटेल करना चाहते हैं।
वह अब तक करीब 15 सीपीयू बना और बेच चुका है।
माधव की मां के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान समय बर्बाद न करने के लिए उन्होंने कुछ कंप्यूटर क्लास जॉइन की थी।
हालांकि, आईएएनएस के कई बार प्रयास करने के बावजूद वह टिप्पणियों के लिए उपलब्ध नहीं थे।
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