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देश में इस जगह आज भी हैं ब्रिटेन का कब्जा, हर साल देता है इतने करोड़ रुपए...
ब्रिटेन के इस ट्रैक पर चलती है ये भारतीय ट्रेन...
ब्रिटेन के यह रेल ट्रैक पर नैरो गेज ट्रैक का इस्तेमाल किया गया है। इसी की रॉयल्टी का पैसे ब्रिटेन की एक प्राइवेट कंपनी को जाता है। हालांकि इस ट्रैक से केवल एक ही ट्रेन गुजरती है। महाराष्ट्र के अमरावती से मुर्तजापुर के बीच चलने वाली यह ट्रेन 189 किमी का सफर 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तय कर लेती है।
ब्रिटेन के यह रेल ट्रैक शकुंतला एक्सप्रेस नाम पैसेंजर ट्रेन है। जो अमरावती से मुर्तजापुर 189 किमी का सफर 6-7 घंटे में पूरा करती है। यह ट्रेन अचलपुर, यवतमाल जैसे 17 छोटे-बड़े स्टेशनों का पार करती हुए आगे बढ़ती जाती है।
करीब 100 वर्ष पुरानी इस ट्रेन में 5 डिब्बों है 70 साल तक इस ट्रेन को स्टीम का इंजन खींचता रहा। आज के हिसाब से चलाने के लिए इसके इंजन को 15 अप्रैल 1994 को डीजल इंजन में तब्दील कर दिया गया। इस ट्रेन का ढांचा ब्रिटेन देश के मैनचेस्टर सिटी के कारखाने में 1921 में बनाया गया था।
इस ट्रैक पर लगे सिग्नल भी पुराने...
ब्रिटेन के यह रेल ट्रैक पर नैरो गेज ट्रैक का इस्तेमाल किया गया है। इसी की रॉयल्टी का पैसे ब्रिटेन की एक प्राइवेट कंपनी को जाता है। हालांकि इस ट्रैक से केवल एक ही ट्रेन गुजरती है। महाराष्ट्र के अमरावती से मुर्तजापुर के बीच चलने वाली यह ट्रेन 189 किमी का सफर 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तय कर लेती है।
ब्रिटेन के यह रेल ट्रैक शकुंतला एक्सप्रेस नाम पैसेंजर ट्रेन है। जो अमरावती से मुर्तजापुर 189 किमी का सफर 6-7 घंटे में पूरा करती है। यह ट्रेन अचलपुर, यवतमाल जैसे 17 छोटे-बड़े स्टेशनों का पार करती हुए आगे बढ़ती जाती है।
करीब 100 वर्ष पुरानी इस ट्रेन में 5 डिब्बों है 70 साल तक इस ट्रेन को स्टीम का इंजन खींचता रहा। आज के हिसाब से चलाने के लिए इसके इंजन को 15 अप्रैल 1994 को डीजल इंजन में तब्दील कर दिया गया। इस ट्रेन का ढांचा ब्रिटेन देश के मैनचेस्टर सिटी के कारखाने में 1921 में बनाया गया था।
इस ट्रैक पर लगे सिग्नल भी पुराने...
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