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आपस में मिलते हैं दो महासागर-पानी नहीं होता मिक्स, यह है कारण
वैज्ञानिकों का रिसर्च...
इन दोनों महासागरों पर हुई कई बार की रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने बोला है कि इनके पानी के आपस में मिक्स न होने के पीछे का कारण खारे और मीठे पानी का घनत्व, टंपरेचर, और लवणता है। इसके अलावा ये भी माना जाता है कि ग्लेशियर से बने सागर का पानी मीठा और समुद्र का पानी खारा होता है। और जब ये दोनों महासागर मिलते हैं तो इस अंतर के कारण झाग की एक दीवार बन जाती है। और अलग-अलग घनत्व के कारण ये दोनों सागरों का पानी आपस में मिल नहीं पाता। वहीं कुछ लोगों का मानना ये भी है कि जब विभिन्न घनत्व वाले पानी में सूर्य की किरणें पडती हैं तो पानी का रंग बदलता है। इस वजह से दोनों सागरों के मिलने पर अलग-अलग रंग दिखाई देते हैं, जिसकी वजह से ऐसा लगता है कि दोनों का पानी आपस में मिक्स नहीं हो रहा है।
इन दोनों महासागरों पर हुई कई बार की रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने बोला है कि इनके पानी के आपस में मिक्स न होने के पीछे का कारण खारे और मीठे पानी का घनत्व, टंपरेचर, और लवणता है। इसके अलावा ये भी माना जाता है कि ग्लेशियर से बने सागर का पानी मीठा और समुद्र का पानी खारा होता है। और जब ये दोनों महासागर मिलते हैं तो इस अंतर के कारण झाग की एक दीवार बन जाती है। और अलग-अलग घनत्व के कारण ये दोनों सागरों का पानी आपस में मिल नहीं पाता। वहीं कुछ लोगों का मानना ये भी है कि जब विभिन्न घनत्व वाले पानी में सूर्य की किरणें पडती हैं तो पानी का रंग बदलता है। इस वजह से दोनों सागरों के मिलने पर अलग-अलग रंग दिखाई देते हैं, जिसकी वजह से ऐसा लगता है कि दोनों का पानी आपस में मिक्स नहीं हो रहा है।
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