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पुरूषों के लिए जल्द आएगी गर्भनिरोधक गोली!
न्यूयॉक। महिलाओं के लिए बाजार में मौजूद गर्भनिरोधक गोली की तरह अब पुरुषों के लिए भी गोली जल्द उपलब्ध होगी। शोधकर्ताओं ने ऐसे यौगिक की खोज की है जो शुक्राणु की गतिशीलता पर नियंत्रण रख सकता है। यह निषेचन की क्षमता को कम कर सकता है। इसका इस्तेमाल करके पुरुषों के लिए भी अब निरोध की गोली बनाई जा सकती है जो आबादी नियंत्रण के लिए कारगर उपाय साबित हो सकती है। ईपी055 नामक यह यौगिक शुक्राणु की गतिशीलता को शिथिल कर देता है और इससे हारमोन पर भी कोई असर नहीं होता है।
जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित इस शोध में दावा किया गया है कि इस यौगिक से ‘पुरुष-गोली’ बनाई जा सकती है जो जन्म दर को नियंत्रित करने में कारगर साबित होगा और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होगा। वर्तमान में पुरुषों के लिए कंडोम और नसबंदी के उपाय उपलब्ध हैं। परीक्षण के तौर पर इसका उपयोग नर बंदरों पर किया गया, जिसमें कोई दुष्प्रभाव नहीं पाया गया। इसकी शोधकर्ता अमेरिका के ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी स्थित ओरेगन नेशनल प्राइमेट रिसर्च सेंटर की मेरी जेलिंस्की ने कहा, ‘उपयोग के 18 दिन बाद सभी लंगूरों में पूरी तरह से सुधार के लक्षण पाए गए।’
आपको बता दें कि दुनिया भर में हर साल अनुमानत: 5.6 करोड गर्भपात असुरक्षित तरीके से होते हैं, जिससे प्रति वर्ष कम से कम 22,800 महिलाओं की मौत हो जाती है। यह जानकारी पिछले एक दशक में वैश्विक गर्भपात ट्रेंड्स पर गुटमेचर इंस्टीट्यूट की सबसे व्यापक रिपोर्ट में दी गई है। गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने से महिलाओं को गर्भावस्था समाप्त करने से नहीं रोका जा सकता, बल्कि ऐसी स्थिति में वे अवांछित गर्भ को गिराने के लिए खतरनाक तरीकों का सहारा ले सकती हैं, जिससे जोखिम बढ जाता है। लिहाजा ऐसे में महिलाओं के अलावा पुरुषों के लिए अब गर्भनिरोधक गोली तैयार होनी शुरू हो गई हैं।
जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित इस शोध में दावा किया गया है कि इस यौगिक से ‘पुरुष-गोली’ बनाई जा सकती है जो जन्म दर को नियंत्रित करने में कारगर साबित होगा और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होगा। वर्तमान में पुरुषों के लिए कंडोम और नसबंदी के उपाय उपलब्ध हैं। परीक्षण के तौर पर इसका उपयोग नर बंदरों पर किया गया, जिसमें कोई दुष्प्रभाव नहीं पाया गया। इसकी शोधकर्ता अमेरिका के ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी स्थित ओरेगन नेशनल प्राइमेट रिसर्च सेंटर की मेरी जेलिंस्की ने कहा, ‘उपयोग के 18 दिन बाद सभी लंगूरों में पूरी तरह से सुधार के लक्षण पाए गए।’
आपको बता दें कि दुनिया भर में हर साल अनुमानत: 5.6 करोड गर्भपात असुरक्षित तरीके से होते हैं, जिससे प्रति वर्ष कम से कम 22,800 महिलाओं की मौत हो जाती है। यह जानकारी पिछले एक दशक में वैश्विक गर्भपात ट्रेंड्स पर गुटमेचर इंस्टीट्यूट की सबसे व्यापक रिपोर्ट में दी गई है। गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने से महिलाओं को गर्भावस्था समाप्त करने से नहीं रोका जा सकता, बल्कि ऐसी स्थिति में वे अवांछित गर्भ को गिराने के लिए खतरनाक तरीकों का सहारा ले सकती हैं, जिससे जोखिम बढ जाता है। लिहाजा ऐसे में महिलाओं के अलावा पुरुषों के लिए अब गर्भनिरोधक गोली तैयार होनी शुरू हो गई हैं।
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