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यहां होती है चमगादडों की पूजा
ये चमगाद़ड यहां कब से हैं, इसकी सही जानकारी किसी को भी नहीं है।
सरसई पंचायत के सरपंच और प्रदेश सरपंच संघ के अध्यक्ष अमोद कुमार निराला
आईएएनएस को बताते हैं कि गांव के एक प्राचीन तालाब (सरोवर) के पास लगे
पीपल, सेमर तथा बथुआ के पे़डों पर ये चमगाद़ड बसेरा बना चुके हैं। उन्होंने
बताया कि इस तालाब का निर्माण तिरहुत के राजा शिव सिंह ने वर्ष 1402 में
करवाया था। करीब 50 एक़ड में फैले इस भूभाग में कई मंदिर भी स्थापित हैं।
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