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बाप-बेटी की अनोखी जोड़ी, दिन में भूल जाते है रिश्ते, निभाते है ये जिम्मेदारी...
दरअसल, मल्काजगिरी में डीसीपी के तौर पर तैनात एआर उमामहेश्व्रा सरमा और
उनकी बेटी आईपीएस अधिकारी सिन्धु सरमा की. डीसीपी एआर उमामहेश्व्रा सरमा को
गर्व है कि उनकी बेटी जग्तियाल जिले की पुलिस सुपरिन्टेन्डेन्ट हैं।
डीसीपी सरमा अगले साल रिटायर हो रहे हैं। हालांकि उनकी बेटी सिन्धु सरमा
2014 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं, तो उनकी नौकरी लंबी है। बाप-बेटी का ये
युगल अक्सर ड्यूटी के दौरान एक-दूसरे के सामने पड़ता है।
लेकिन उस वक्त ये दोनों किसी रिश्ते में नहीं, बल्कि अपनी जिम्मेदारियों की डोर में बंधे होते हैं। इसलिए डीसीपी सरमा आईपीएस सिन्धु सरमा को सैल्यूट करते हैं। डीसीपी एआर उमामहेश्व्रा सरमा कहते हैं, ‘मुझे अपनी बेटी को सैल्यूट करते हुए फख्र होता है। एक पिता के लिए इससे बड़ी उपलब्धि क्या होगी कि वो अपनी बेटी को बार-बार सैल्यूट कर सके।’
बकौल उमामहेश्व्रा सरमा, ‘बेटी मेरी सीनियर अफसर है। इसलिए उन्हें जब भी देखता हूं, अपनी जिम्मेदारी निभाता हूं।’ सरमा ने सब इंस्पेक्टर के तौर पर पुलिस में नौकरी शुरू की थी।
हाल में उन्हें आईपीएस रैंक दी गई है। वहीं उनकी बेटी सिन्धु सरमा इसे एक उपलब्धि मानती हैं कि वह अपने पिता के साथ मिलकर काम कर रही हैं। सिन्धु कहती हैं, ‘पिता के साथ नौकरी करते हुए मुझे बहुत खुशी होती है।’
लेकिन उस वक्त ये दोनों किसी रिश्ते में नहीं, बल्कि अपनी जिम्मेदारियों की डोर में बंधे होते हैं। इसलिए डीसीपी सरमा आईपीएस सिन्धु सरमा को सैल्यूट करते हैं। डीसीपी एआर उमामहेश्व्रा सरमा कहते हैं, ‘मुझे अपनी बेटी को सैल्यूट करते हुए फख्र होता है। एक पिता के लिए इससे बड़ी उपलब्धि क्या होगी कि वो अपनी बेटी को बार-बार सैल्यूट कर सके।’
बकौल उमामहेश्व्रा सरमा, ‘बेटी मेरी सीनियर अफसर है। इसलिए उन्हें जब भी देखता हूं, अपनी जिम्मेदारी निभाता हूं।’ सरमा ने सब इंस्पेक्टर के तौर पर पुलिस में नौकरी शुरू की थी।
हाल में उन्हें आईपीएस रैंक दी गई है। वहीं उनकी बेटी सिन्धु सरमा इसे एक उपलब्धि मानती हैं कि वह अपने पिता के साथ मिलकर काम कर रही हैं। सिन्धु कहती हैं, ‘पिता के साथ नौकरी करते हुए मुझे बहुत खुशी होती है।’
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