National Cancer Awareness day - These eight symptoms will identify cancer,-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 20, 2024 4:31 pm
Location
Advertisement

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस - इन आठ लक्षणों से होगी कैंसर की पहचान , यहां पढ़ें

khaskhabar.com : शनिवार, 07 नवम्बर 2020 12:53 PM (IST)
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस  - इन आठ लक्षणों से होगी कैंसर की पहचान , यहां पढ़ें
जयपुर। कैंसर के केसेज देशभर में बढ़ते जा रहे है। कैंसर के शुरूआती लक्षणों की पहचान ना होने के कारण आज भी कैंसर की पहचान अधिकांश रोगी में एडवांस स्टेज (कैंसर का शरीर में फैल जाना) में होती है। भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉ असीम कुमार सामर का कहना है कि अगर समय पर कैंसर की पहचान और उपचार की शुरूआत हो तो कैंसर से होने वाली मौतों में 50 फीसदी तक कमी लाई जा सकती है।

इन लक्षणों को पहचानें

मुँह या गले में न भरने वाला छाला, कुछ निगलने में दिक्कत होना या आवाज में परिवर्तन, शरीर के किसी भी भाग में गांठ, स्तन में गांठ या आकार में परिवर्तन, लंबे समय तक खांसी या कफ में खून, मलद्वार/मूत्रद्वार में खून जाना, मासिक धर्म के अलावा या रजोनिवृति के बाद रक्तस्त्राव, शौच की आदत में परिवर्तन। यह सभी लक्षण कैंसर के शुरूआती लक्षणों में शामिल है। इन लक्षणों को नजर अंदाज करें बगैर चिकित्सक को समय पर दिखाकर लक्षणों के कारण की पहचान करना जरूरी है।

7 लाख से अधिक अकाल मौत

डॉ असीम ने बताया कि देश में 2.5 मिलियन लोग कैंसर के साथ अपनी जिंदगी बिता रहे हैं। इसके साथ ही देश में हर साल 11 लाख 57 हजार 294 कैंसर रोगी सामने आ रहे हैं। वहीं 7 लाख 84 हजार 821 लोग इस रोग की वजह से अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं। पुरूषों में मुंह, फेफडे और पेट के कैंसर तेजी से बढ रहे हैं, जबकि महिलाओं में स्तन और गर्भाशय के कैंसर सर्वाधिक सामने आ रहे हैं। डॉ. असीम का कहना है जागरूकता की कमी के चलते आज भी कैंसर रोगी रोग की बढ़ी हुई अवस्था में चिकित्सक के पास पहुंचते है, जिसकी वजह से उपचार के दौरान रोगी के मन में हमेेशा यह भय रहता है कि वह पूरी तरह ठीक हो पाएगा भी या नहीं। चिंता और भय का रोगी के उपचार पर नकारात्मक प्रभाव पडता है।

कैंसर से बचाव है संभव

तंबाकू (बीडी, सिगरेट, गुटखा) एवं गलत जीवनशैली (जैसे व्यायाम नहीं करना, ज्यादा तेल, मसाले का भोजन का सेवन) को छोड दिया जाए तो कैंसर की रोकथाम संभव है। सरवाईकल कैंसर का टीकाकरण (6 माह के अंतराल में) करवाकर महिलाएं इस रोग से खुद को बचा सकती है। 40 की उम्र के बाद महिलाओं को स्तन कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी और बच्चेदानी के मुंह के कैंसर की जांच के लिए पैप स्मीयर हर वर्ष करवानी चाहिए।




ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
Advertisement
Advertisement