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योगी कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने कहा - विधायक,सांसद के मुंह पर पोत दो कालिख
प्रतापगढ़। यूपी का प्रतापगढ़ जिला एक बार फिर सियासत की सरगर्मी बढाने लगे
है और इसकी वजह बने है योगी कैबिनेट के मंत्री। मंत्री राजेंद्र प्रताप
सिंह उर्फ मोती सिंह के बिगड़े बोल ने विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने
विवादित बयान देते हुये भाजपा-अपना दल विधायकों और सांसदों के मुंह पर
कालिख पोत देने का जनता से आह्वान किया है। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल
हो गया है। जिससे केंन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के दल अपना दल एस व
भाजपा के बीच दूरी बढनी तय मानी जा रही है। इस बयान के पीछे की जो वजह
बतायी जा रही है। वह विकास कार्यों को लेकर है।
जो जानकारी सामने आयी है उसके अनुसार कोहडौर बाजार में जनसभा का आयोजन हुआ था। यहां जनसभा में पट्टी से बीजेपी विधायक व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने शिरकत की। कार्यक्रम के दौरान जनता से इलाके में विकास ने होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये सवाल पर सवाल दागे। जिस पर मंत्री जी की जुबान ज्यादा ही फिसल गई और विवादित बयान देते हुये बोले कि यहां केन्द्र सांसद विधायक मंगरौरा क्षेत्र का विकास करें। अगर अगले 15 दिन में विकास नहीं होता है तो आप लोग विश्वनाथगंज से अपना दल (एस) विधायक आरके वर्मा, प्रतापगढ़ सदर से अपना दल (एस) विधायक संगमलाल गुप्ता और रानीगंज से भाजपा विधायक धीरज ओझा के मुंह पर कालिख पोत दें ।
योगी कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने सांसद विधायक का विकास न करने पर मुंह पर कालिख पोतने का बयान देते हुए अपना दल के सांसद हरिबंश सिंह को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कोहड़ौर क्षेत्र में हरिवंश की चुनाव लड़ने पर जमानत तक नहीं बचेगी। मंत्री जी के बड़बोल पर न सिर्फ प्रतापगढ़ बल्कि पूरे यूपी में खलबली मची है। एकाएक इस तरह से अपना दल के प्रतिनिधियों पर बयान से सियासी रंग भी चढना तय माना जा रहा है। हालांकि अभी तक अपना दल की ओर से कोई बयान य प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस संबंध में विश्वनाथगंज के विधायक डा आरके वर्मा से बात करने की कोशिश की गई । लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
दरअसल मोती सिंह के इस बयान के पीछे जो बड़ा कारण सामने आ रहा है। वह प्रतापगढ़ के मौजूदा विधायकों व सांसद से नाराजगी के चलते माना जा रहा है। पिछले दिनों अपना दल (एस) विधायक आरके वर्मा, प्रतापगढ़ सदर से अपना दल (एस) विधायक संगमलाल गुप्ता और रानीगंज से भाजपा विधायक धीरज ओझा ने सांसद सांसद हरिबंश सिंह की अगुवाई में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उस मुलाकात में राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ मोती सिंह की शिकायत की शिकायत की गई थी कि, मोती सिंह उनके विधानसभा क्षेत्र में बिना सूचना के पब्लिक मीटिंग करते हैं और ग़लत बयानबाज़ी कर पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। तब यह भी शिकायत सामने आयी थी कि जिले की प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह की सरकार की 100 दिन की उपलब्धि गिनाने वाली प्रेस कांफ्रेंस में तीनों विधायक आमंत्रण तक नहीं दिया गया। जिससे कोई विधायक कार्यक्रम में नहीं पहुंचा।
इस शिकायत पर सीएम योगी ने मोती सिंह के कान टाइट किये थे। जिससे नाराज मोती सिंह ने अपने पद के नशे में बड़बोल शुरू कर दिया और अब अपने ही बयान में घिर गये हैं। जिससे चारों तरफ किरकिरी हो रही है। अब ऐसे में क्या मोती सिंह पर सीएम योगी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे या क्रम जारी रहेगा। यह देखना दिलचस्प होगा।
जो जानकारी सामने आयी है उसके अनुसार कोहडौर बाजार में जनसभा का आयोजन हुआ था। यहां जनसभा में पट्टी से बीजेपी विधायक व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने शिरकत की। कार्यक्रम के दौरान जनता से इलाके में विकास ने होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये सवाल पर सवाल दागे। जिस पर मंत्री जी की जुबान ज्यादा ही फिसल गई और विवादित बयान देते हुये बोले कि यहां केन्द्र सांसद विधायक मंगरौरा क्षेत्र का विकास करें। अगर अगले 15 दिन में विकास नहीं होता है तो आप लोग विश्वनाथगंज से अपना दल (एस) विधायक आरके वर्मा, प्रतापगढ़ सदर से अपना दल (एस) विधायक संगमलाल गुप्ता और रानीगंज से भाजपा विधायक धीरज ओझा के मुंह पर कालिख पोत दें ।
योगी कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने सांसद विधायक का विकास न करने पर मुंह पर कालिख पोतने का बयान देते हुए अपना दल के सांसद हरिबंश सिंह को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कोहड़ौर क्षेत्र में हरिवंश की चुनाव लड़ने पर जमानत तक नहीं बचेगी। मंत्री जी के बड़बोल पर न सिर्फ प्रतापगढ़ बल्कि पूरे यूपी में खलबली मची है। एकाएक इस तरह से अपना दल के प्रतिनिधियों पर बयान से सियासी रंग भी चढना तय माना जा रहा है। हालांकि अभी तक अपना दल की ओर से कोई बयान य प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस संबंध में विश्वनाथगंज के विधायक डा आरके वर्मा से बात करने की कोशिश की गई । लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
दरअसल मोती सिंह के इस बयान के पीछे जो बड़ा कारण सामने आ रहा है। वह प्रतापगढ़ के मौजूदा विधायकों व सांसद से नाराजगी के चलते माना जा रहा है। पिछले दिनों अपना दल (एस) विधायक आरके वर्मा, प्रतापगढ़ सदर से अपना दल (एस) विधायक संगमलाल गुप्ता और रानीगंज से भाजपा विधायक धीरज ओझा ने सांसद सांसद हरिबंश सिंह की अगुवाई में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उस मुलाकात में राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ मोती सिंह की शिकायत की शिकायत की गई थी कि, मोती सिंह उनके विधानसभा क्षेत्र में बिना सूचना के पब्लिक मीटिंग करते हैं और ग़लत बयानबाज़ी कर पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। तब यह भी शिकायत सामने आयी थी कि जिले की प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह की सरकार की 100 दिन की उपलब्धि गिनाने वाली प्रेस कांफ्रेंस में तीनों विधायक आमंत्रण तक नहीं दिया गया। जिससे कोई विधायक कार्यक्रम में नहीं पहुंचा।
इस शिकायत पर सीएम योगी ने मोती सिंह के कान टाइट किये थे। जिससे नाराज मोती सिंह ने अपने पद के नशे में बड़बोल शुरू कर दिया और अब अपने ही बयान में घिर गये हैं। जिससे चारों तरफ किरकिरी हो रही है। अब ऐसे में क्या मोती सिंह पर सीएम योगी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे या क्रम जारी रहेगा। यह देखना दिलचस्प होगा।
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