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मुस्तैदी ने बचाई भारी तबाही, लोगों की खुशियां लौटाने में जुटे हैं अधिकारी-कर्मचारी
जयपुर। जालोर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने के लिए जिला प्रशासन दिन-रात जुटा है। जिला कलेक्टर एल.एन. सोनी की अगुवाई में बिजली, पानी, सडक़, स्वास्थ्य, राशन हर मोर्चे पर अधिकारी-कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं। जिला प्रशासन की मुस्तैदी के उदाहरण जिले के विभिन्न इलाकों में जगह-जगह देखने को मिल सकते हैं, जहां राहत कार्य जोर-शोर से चल रहे हैं।
कुछ ही घंटों में सुचारू हुई बिजली सप्लाई
जिले के बागरा-भीनमाल मार्ग पर आकोली नदी में बाढ़ के कारण आए पानी के तेज प्रवाह ने न केवल नदी पर बने पुल को तहस-नहस कर डाला, बल्कि नदी के पास से गुजर रही बिजली लाइन के पोल भी उखाड़ डाले। यह प्रशासन की ही मुस्तैदी थी कि 24 जुलाई को पोल उखडऩे के कारण आसपास के गांवों में ठप हुई बिजली आपूर्ति को महज कुछ घंटों में ही वैकल्पिक स्रोतों से सुचारू कर दिया गया। क्षेत्र में 25 जुलाई को ही बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गई थी। अब बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व्यवस्थाओं को स्थायी रूप से दुरुस्त करने में लगे हैं। गुरुवार को आकोली नदी के पास सहायक अभियंता नाथूराम चौधरी और कनिष्ठ अभियंता शैलेन्द्र यादव बाढ़ में बह गए बिजली के पोल के स्थान पर नए पोल लगाने के काम में जुटे हुए थे। उन्होंने मौके पर बताया कि पानी के तेज प्रवाह के कारण यहां से गुजर रही 33 केवी की करीब 500 मीटर तक बिजली की लाइन खराब हो गई थी, जिससे करीब 8 गांवों की बिजली आपूर्ति बंद हो गई थी। उन्होंने बताया कि गांवों की बिजली आपूर्ति तो वैकल्पिक स्रोतों से तत्काल शुरू कर दी गई। अब आकोली नदी में अस्थायी पोल लगाकर इसे पुन: 4 अगस्त तक ठीक कर दिया जाएगा।
1974 से भी भयावह था दृश्य, पर प्रशासन की सतर्कता ने बचाया
मौके पर उपस्थित 61 वर्षीय ग्रामीण लालसिंह राजपुरोहित ने बताया कि उन्होंने अब तक इस नदी में पानी का ऐसा बहाव नहीं देखा। 1974 में जो भयावह दृश्य था, उससे भी अधिक भयानक मंजर इस बार बना, लेकिन प्रशासन इतना सतर्क था कि उसने भारी तबाही को बचा लिया।
बाढ़ ने उड़ा दिए थे होश, प्रशासन ने दिया हौसला
कुछ ही घंटों में सुचारू हुई बिजली सप्लाई
जिले के बागरा-भीनमाल मार्ग पर आकोली नदी में बाढ़ के कारण आए पानी के तेज प्रवाह ने न केवल नदी पर बने पुल को तहस-नहस कर डाला, बल्कि नदी के पास से गुजर रही बिजली लाइन के पोल भी उखाड़ डाले। यह प्रशासन की ही मुस्तैदी थी कि 24 जुलाई को पोल उखडऩे के कारण आसपास के गांवों में ठप हुई बिजली आपूर्ति को महज कुछ घंटों में ही वैकल्पिक स्रोतों से सुचारू कर दिया गया। क्षेत्र में 25 जुलाई को ही बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गई थी। अब बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व्यवस्थाओं को स्थायी रूप से दुरुस्त करने में लगे हैं। गुरुवार को आकोली नदी के पास सहायक अभियंता नाथूराम चौधरी और कनिष्ठ अभियंता शैलेन्द्र यादव बाढ़ में बह गए बिजली के पोल के स्थान पर नए पोल लगाने के काम में जुटे हुए थे। उन्होंने मौके पर बताया कि पानी के तेज प्रवाह के कारण यहां से गुजर रही 33 केवी की करीब 500 मीटर तक बिजली की लाइन खराब हो गई थी, जिससे करीब 8 गांवों की बिजली आपूर्ति बंद हो गई थी। उन्होंने बताया कि गांवों की बिजली आपूर्ति तो वैकल्पिक स्रोतों से तत्काल शुरू कर दी गई। अब आकोली नदी में अस्थायी पोल लगाकर इसे पुन: 4 अगस्त तक ठीक कर दिया जाएगा।
1974 से भी भयावह था दृश्य, पर प्रशासन की सतर्कता ने बचाया
मौके पर उपस्थित 61 वर्षीय ग्रामीण लालसिंह राजपुरोहित ने बताया कि उन्होंने अब तक इस नदी में पानी का ऐसा बहाव नहीं देखा। 1974 में जो भयावह दृश्य था, उससे भी अधिक भयानक मंजर इस बार बना, लेकिन प्रशासन इतना सतर्क था कि उसने भारी तबाही को बचा लिया।
बाढ़ ने उड़ा दिए थे होश, प्रशासन ने दिया हौसला
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