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यूपी के कासगंज में फिर भडक़ी हिंसा, कई जगह आगजनी और तोडफ़ोड़
कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा प्रभात फेरी यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच जमकर बवाल के बाद अभी भी इलाके में तनाव बरकरार है। कासगंज में दूसरे दिन शनिवार को भी हंगामा और आगजनी की खबरें आ रही है। उपद्रवी पेट्रोल की बोतलें लेकर घूम रहे है और जगह-जगह आगजनी कर रहे है। मृतक चंदन के परिजनों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए मुआवजे और सरकारी नौकरी के आश्वासन के बाद शनिवार सुबह चंदन का अंतिम संस्कार हुआ।
लेकिन, इसके कुछ देर बाद ही एक बार हिंसा भडक़ उठी है। उपद्रवियों ने कई दुकानों को आग लगा दी है। हंगामा कर रहे लोगों ने सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। हंगामा और आगजनी की खबरों के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर उपद्रवियों पर काबू पाने की कोशिश कर रही है।
चंदन का हुआ अंतिम संस्कार
शनिवार चंदन का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान एटा के बीजेपी सांसद सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। डीएम आरपी सिंह ने बताया, सीएम ऑफिस से मंजूरी मिलने के बाद चंदन के परिजनों को 5 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की गई है। घटना के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन से पीडि़त परिवार की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रशासन को उपद्रवी तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए।
मांगों को लेकर चंदन के परिजनों ने दिया धरना
इसके पहले परिजनों ने अपनी मांगों को लेकर चंदन के शव के साथ धरना दिया, जिसमें कासगंज के सांसद भी शामिल हुए। सीएम ऑफिस से मंजूरी मिलने के बाद चंदन के परिजनों को 5 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की गई है। साथ ही सीएम योगी ने मृतक के परिवार में से एक को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है। मांगें माने जाने के बाद धरना खत्म हुआ।
पिता का दावा, वंदे मातरम कहने पर मारी गोली
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मृतक के पिता ने शनिवार को कहा कि वंदे मातरम कहने पर मेरे बेटे चंदन को गोली मारी गई। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे का किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं था। वह बीकॉम का छात्र था और हर साल निकाली जाने वाली तिरंगा यात्रा में भाग लेता था। वह सिर्फ एक भारतीय था और किसी भी राजनीतिक दल से ताल्लुक नहीं रखता था। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे बेटे की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वो तिरंगा यात्रा के दौरान भारत माता की जय और वंदेमातरम कहते हुए चल रहे थे, तभी कुछ मुस्लिम युवकों ने उन्हें ऐसे नारे लगाने से टोका। इसके बाद विवाद शुरू हो गया और कुछ मुस्लिम युवकों ने चंदन को गोली मार दी।
आखिर कासगंज में क्यों भडक़ी हिंसा
लेकिन, इसके कुछ देर बाद ही एक बार हिंसा भडक़ उठी है। उपद्रवियों ने कई दुकानों को आग लगा दी है। हंगामा कर रहे लोगों ने सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। हंगामा और आगजनी की खबरों के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर उपद्रवियों पर काबू पाने की कोशिश कर रही है।
चंदन का हुआ अंतिम संस्कार
शनिवार चंदन का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान एटा के बीजेपी सांसद सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। डीएम आरपी सिंह ने बताया, सीएम ऑफिस से मंजूरी मिलने के बाद चंदन के परिजनों को 5 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की गई है। घटना के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन से पीडि़त परिवार की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रशासन को उपद्रवी तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए।
मांगों को लेकर चंदन के परिजनों ने दिया धरना
इसके पहले परिजनों ने अपनी मांगों को लेकर चंदन के शव के साथ धरना दिया, जिसमें कासगंज के सांसद भी शामिल हुए। सीएम ऑफिस से मंजूरी मिलने के बाद चंदन के परिजनों को 5 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की गई है। साथ ही सीएम योगी ने मृतक के परिवार में से एक को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है। मांगें माने जाने के बाद धरना खत्म हुआ।
पिता का दावा, वंदे मातरम कहने पर मारी गोली
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मृतक के पिता ने शनिवार को कहा कि वंदे मातरम कहने पर मेरे बेटे चंदन को गोली मारी गई। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे का किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं था। वह बीकॉम का छात्र था और हर साल निकाली जाने वाली तिरंगा यात्रा में भाग लेता था। वह सिर्फ एक भारतीय था और किसी भी राजनीतिक दल से ताल्लुक नहीं रखता था। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे बेटे की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वो तिरंगा यात्रा के दौरान भारत माता की जय और वंदेमातरम कहते हुए चल रहे थे, तभी कुछ मुस्लिम युवकों ने उन्हें ऐसे नारे लगाने से टोका। इसके बाद विवाद शुरू हो गया और कुछ मुस्लिम युवकों ने चंदन को गोली मार दी।
आखिर कासगंज में क्यों भडक़ी हिंसा
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