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भारतीय वायुसेना को जल्द मिलेंगे अमेरिकी ड्रोन, ट्रंप प्रशासन कर रहा विचार
वाशिंगटन। अमेरिका जल्द ही भारतीय वायुसेना को सशस्त्र शिकारी ड्रोन दे सकता है। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। भारतीय वायुसेना का मानना है कि सशस्त्र ड्रोन से उसकी रक्षा क्षमताओं में इजाफा होगा। अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत के हथियारों से लैस ड्रोन की मांग पर गंभीरता से विचार कर रहा है, भारत इन ड्रोन्स को अपनी वायु सेना में शामिल करेगा। सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के अभियान के तहत सशस्त्र ड्रोन खरीदने के भारत के लंबित अनुरोध के बारे में पूछे जाने पर प्रशासन के अधिकारी ने कहा, हां, हां। ट्रंप प्रशासन भारतीय वायुसेना को ड्रोन्स देने पर विचार कर रहा है।
आपको बता दें कि इस साल के शुरू में भारतीय वायुसेना ने अमेरिका की सरकार से जनरल एटमिक्स प्रीडेटर सी एवेंगर विमान के लिए अनुरोध किया था। ऐसा समझा जाता है कि भारतीय वायुसेना को 80 से 100 इकाइयों की जरूरत है। इस कारण यह आठ अरब डॉलर का सौदा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 26 जून को व्हाइट हाउस में हुई बैठक के बाद ट्रंप प्रशासन इस संबंध में विचार कर रहा है। इस मुलाकात के बाद ही अमेरिका ने भारत को 22 अनआर्म्ड गार्डियन ड्रोन बेचने की घोषणा की थी, जो हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी करने की भारतीय नौसेना की क्षमताओं में वृद्धि करेगी।
आपको बता दें कि इस साल के शुरू में भारतीय वायुसेना ने अमेरिका की सरकार से जनरल एटमिक्स प्रीडेटर सी एवेंगर विमान के लिए अनुरोध किया था। ऐसा समझा जाता है कि भारतीय वायुसेना को 80 से 100 इकाइयों की जरूरत है। इस कारण यह आठ अरब डॉलर का सौदा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 26 जून को व्हाइट हाउस में हुई बैठक के बाद ट्रंप प्रशासन इस संबंध में विचार कर रहा है। इस मुलाकात के बाद ही अमेरिका ने भारत को 22 अनआर्म्ड गार्डियन ड्रोन बेचने की घोषणा की थी, जो हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी करने की भारतीय नौसेना की क्षमताओं में वृद्धि करेगी।
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