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टाइगर रिजर्व सफारी जिले में शीघ्र बनेगी
पीलीभीत | बाघ के हमलों से बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार जिले में शीघ्र
ही बाघ रेस्क्यू सेंटर व सफारी बनाने जा रही है। जिसके लिए सूबे के चीफ
वाइल्ड लाइफ वार्डन एस.के. उपाध्याय ने टाइगर रिज़र्व के अधिकारियों के लिए
जरूरी निर्देश जारी कर दिए है। यह बाघ सफारी छत्तीसगढ़ में रायपुर टाइगर
सफारी की तर्ज पर बनाई जाएगी। जिसके लिए टाइगर रिज़र्व से एक डेलिगेशन जल्द
रायपुर रवाना कर दिया जायगा। यह जानकारी बरेली मंडल के वन संरक्षक वी.के.
सिंह ने दी।
जिले में बाघ की दहशत कम करने के लिए सूबे की सरकार बड़ी रणनीति बना रही है। बरेली मंडल के वन संरक्षक वी.के. सिंह ने जिसके तहत चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन ने टाइगर रिज़र्व के अधिकारियों को छत्तीसगढ़ के रायपुर बाघ सफारी की तर्ज पर प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए। जिसमें 100 से 200 हेक्टेयर जमीन पर जिले में दो बाघ सफारी व रेस्क्यू सेंटर बनाये जायगे। जिसके लिए टाइगर रिज़र्व की महोफ रेंज के बघा-56 व बाराही रेंज के बरुआ कोठारा का चयन किया गया है। जिसमें घायल या आदमखोर बाघों को चिड़ियाघर न भेजकर इन्हीं सफारी में रखा जाएगा। इन सफारी में घूमने के लिए पर्यटकों को खास बंद गाड़िया वन विभाग मुहैया करवाएगा।
जिले में बाघ की दहशत कम करने के लिए सूबे की सरकार बड़ी रणनीति बना रही है। बरेली मंडल के वन संरक्षक वी.के. सिंह ने जिसके तहत चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन ने टाइगर रिज़र्व के अधिकारियों को छत्तीसगढ़ के रायपुर बाघ सफारी की तर्ज पर प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए। जिसमें 100 से 200 हेक्टेयर जमीन पर जिले में दो बाघ सफारी व रेस्क्यू सेंटर बनाये जायगे। जिसके लिए टाइगर रिज़र्व की महोफ रेंज के बघा-56 व बाराही रेंज के बरुआ कोठारा का चयन किया गया है। जिसमें घायल या आदमखोर बाघों को चिड़ियाघर न भेजकर इन्हीं सफारी में रखा जाएगा। इन सफारी में घूमने के लिए पर्यटकों को खास बंद गाड़िया वन विभाग मुहैया करवाएगा।
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