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गैस सिलेंडर में विस्फोट, मां समेत 3 बेटियां बुरी तरह झुलसी
सुलतानपुर। ज़िले की काशीराम कॉलोनी में सोमवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब खाना बनाते समय गैस सिलेंडर में आग लगकर विस्पोट हो गया। भीषण हादसे में चार महिलायें बुरी तरह झुलस गयी। जिनमें दो की हालत नाजुक है। चिंता जनक स्थित में डाक्टरों ने दोनों महिलाओं को ट्रामा सेंटर लखनऊ रिफर कर दिया है। वहीं हादसे के पास से कालोनी में हड़कम्प मचा है।
कांशीराम कालोनी का मामला
जानकारी के अनुसार कोतवाली नगर के अमहट स्थित काशीराम कालोनी के ब्लाक नम्बर 42 में ये हादसा अंजाम पाया है। बताया जा रहा है कि शन्नो पत्नी फूले कालोनी के कमरे में खाना बना रही थी कि अचानक गैस सिलेण्डर लीक हो गया। जब तक कोई कुछ समझ पाता आग ने सन्नो को अपनी चपेट में ले लिया।
बचाने पहुंची तीन बेटियां भी आई आग की चपेट में
इस दौरान मां को बचाने के लिए वहां मौजूद तीन बेटियां दौड़ पड़ी। लेकिन तब तक विकराल रूप ले चुकी आग ने तीनों बेटियों निश्शो पुत्री फुले (18), नेहया पुत्री फुले (24) और रोजी पुत्री फुले (17) को भी अपनी चपेट में ले लिया। आनन फानन स्थानीय लोगों ने चारों घायल महिलाओं को डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल पहुँचाया।
मां और एक बेटी की हालत गंभीर
उधर हास्पिटल में भी लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। परिजन चिल्ला और बिलख रहे थे। इस बीच हास्पिटल की इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे डा. अनुराग पाण्डेय ने चारों घायलों का ट्रीटमेंट शुरु किया। लेकिन शन्नो 40 और उसकी बेटी निश्शो 18 की हालत काफी सीरियस हो गई। जिसे देख डा. अनुराग ने उन्हें तत्काल ट्रामा सेंटर लखनऊ के लिए रिफर कर दिया।
कांशीराम कालोनी का मामला
जानकारी के अनुसार कोतवाली नगर के अमहट स्थित काशीराम कालोनी के ब्लाक नम्बर 42 में ये हादसा अंजाम पाया है। बताया जा रहा है कि शन्नो पत्नी फूले कालोनी के कमरे में खाना बना रही थी कि अचानक गैस सिलेण्डर लीक हो गया। जब तक कोई कुछ समझ पाता आग ने सन्नो को अपनी चपेट में ले लिया।
बचाने पहुंची तीन बेटियां भी आई आग की चपेट में
इस दौरान मां को बचाने के लिए वहां मौजूद तीन बेटियां दौड़ पड़ी। लेकिन तब तक विकराल रूप ले चुकी आग ने तीनों बेटियों निश्शो पुत्री फुले (18), नेहया पुत्री फुले (24) और रोजी पुत्री फुले (17) को भी अपनी चपेट में ले लिया। आनन फानन स्थानीय लोगों ने चारों घायल महिलाओं को डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल पहुँचाया।
मां और एक बेटी की हालत गंभीर
उधर हास्पिटल में भी लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। परिजन चिल्ला और बिलख रहे थे। इस बीच हास्पिटल की इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे डा. अनुराग पाण्डेय ने चारों घायलों का ट्रीटमेंट शुरु किया। लेकिन शन्नो 40 और उसकी बेटी निश्शो 18 की हालत काफी सीरियस हो गई। जिसे देख डा. अनुराग ने उन्हें तत्काल ट्रामा सेंटर लखनऊ के लिए रिफर कर दिया।
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