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बूथ व घर-घर जाकर 73,661 बच्चों को पोलियोरोधी दवा पिलाने का लक्ष्य
पंचकूला। पंचकूला के अतिरिक्त उपायुक्त मुकुल कुमार की अध्यक्षता में आगामी 28 से 30 जनवरी तक चलाए जाने वाले राष्ट्रीय प्रतिरक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए किए जाले वाले प्रबंधों को लेकर जिला टास्क फोर्स की बैठक जिला सचिवालय के सभागार में आयोजित की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि इस अभियान के दौरान शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को तय बूथ व घर-घर जाकर लगभग 73,661 (ग्रामीण-42,752, शहरी-30,909) बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उन्होंने विभाग द्वारा किये गए इंतजामों की समीक्षा करते हुए बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में 462 (ग्रामीण-332, शहरी-130) तय बूथ, 22 (ग्रामीण-। 6, शहरी-6) मोबाइल टीमें और 38 (ग्रामीण-2। , शहरी-17) ट्रांजिट टीमों का गठन किया गया है और इसके लिए लगभग 1418 स्वास्थ्य कर्मियों, स्वयं सेवकों, आंगनवाड़ी श्रमिक और स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) व 67 सुपरवाइजरों द्वारा भाग लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिले में 0-5 उम्र के बच्चों को विशेष रूप से स्थापित बूथों पर पल्स पोलियो की बूंदें पिलाई जाएंगी, जिनमें जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी औषधालयों, उप केन्द्रों और आंगनवाड़ी केन्द्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जिला की ए.एन.एम, आशा वर्कर व आंगनबाड़ी वर्कर मिल कर कार्य करें, जिससे पोलियो अभियान को सफल बनाया जा सके। उन्होंने विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी विभागों से इस कार्य में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने खाद्य एवं पूर्ति, श्रम विभाग, खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारियो को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में भट्टों, निर्माण स्थलों पर बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाने के लिए जागरुक करें ताकि जिला में शत प्रतिशत बच्चों को यह खुराक पिलाई जाए।
इस अवसर पर उप सिविल सर्जन डॉ नीरू कपूर ने बताया कि राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिले में फरवरी माह में चलने वाले ‘’माइक्रोन्यूट्रिएंट सप्लीमेंटशन कार्यक्रम’’की जानकारी भी दी। इस कार्यक्रम के तहत 6 महीने से पांच वर्ष की आयु के बच्चों को विटामिन ए, अनुपूरण, कृमि-नाशक (पेट के कीड़े मारने के लिए), तरल आयरन फॉलिक एसिड, आयोडीन की मात्रा मापने के लिए साल्ट टेस्टिंग और टीकाकरण में छूटे हुए बच्चों को शामिल किया जायेगा, जिसका लाभ प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को टीका करण स्थल एवं आगनबाड़ी केंद्र में नि:शुल्क लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत छह माह से पांच साल तक के बच्चों को आयरन और फोलिक एसिड का सिरप दें। एक वर्ष से पांच साल तक के बच्चों को कृमिनाशक (पेट के कीड़े मारने के लिए) दवाई दी जानी है। जिससे बच्चा स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट रहेगा। इसके अलावा उन्होंने खाने में आयोडीन नमक का निरंतर प्रयोग करने की सलाह देने की बात कही।
उन्होंने यह भी बताया कि अनिमिया नवजातों, छोटे बच्चों और स्कूल जाने की आयु वाले बच्चों की प्रतिरक्षण क्षमता,सम्पूर्ण विकास, व्यवहार और शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसके अतिरिक्त बच्चों में विटामिन ए की कमी होने से बच्चों में दस्त, खसरे और न्यूमोनिया की सम्भावना बढ़ जाती है और बचपन में सबसे ज्यादा नुकसान करती है। विटामिन ए देने से रतौंधी नामक बीमारी से बचा जा सकता है। आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग से बच्चों को मंदबुद्धि होने से बचाया जा सकता है।
एसएमओ व चिकित्सा अधिकारी डॉ शिवानी ने बताया कि हरियाणा को मीसल्स वायरस मुक्त कर रूबेला को कंट्रोल किया जायेगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग जिला पंचकुला में 9 माह से । 5 साल तक के लगभग । .55 लाख बच्चों को स्कूलों व आंगनवाडिय़ों पर जाकर कवर करेगा, यह मीसल्स रूबेला प्रतिरोधक अभियान अप्रैल माह में 4-5 हफ्ते तक चलेगा।
बैठक में एसडीएम पंचकूला पंकज सेतिया, जिला शिक्षा अधिकारी एचएस सैनी के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि इस अभियान के दौरान शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को तय बूथ व घर-घर जाकर लगभग 73,661 (ग्रामीण-42,752, शहरी-30,909) बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उन्होंने विभाग द्वारा किये गए इंतजामों की समीक्षा करते हुए बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में 462 (ग्रामीण-332, शहरी-130) तय बूथ, 22 (ग्रामीण-। 6, शहरी-6) मोबाइल टीमें और 38 (ग्रामीण-2। , शहरी-17) ट्रांजिट टीमों का गठन किया गया है और इसके लिए लगभग 1418 स्वास्थ्य कर्मियों, स्वयं सेवकों, आंगनवाड़ी श्रमिक और स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) व 67 सुपरवाइजरों द्वारा भाग लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिले में 0-5 उम्र के बच्चों को विशेष रूप से स्थापित बूथों पर पल्स पोलियो की बूंदें पिलाई जाएंगी, जिनमें जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी औषधालयों, उप केन्द्रों और आंगनवाड़ी केन्द्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जिला की ए.एन.एम, आशा वर्कर व आंगनबाड़ी वर्कर मिल कर कार्य करें, जिससे पोलियो अभियान को सफल बनाया जा सके। उन्होंने विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी विभागों से इस कार्य में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने खाद्य एवं पूर्ति, श्रम विभाग, खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारियो को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में भट्टों, निर्माण स्थलों पर बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाने के लिए जागरुक करें ताकि जिला में शत प्रतिशत बच्चों को यह खुराक पिलाई जाए।
इस अवसर पर उप सिविल सर्जन डॉ नीरू कपूर ने बताया कि राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिले में फरवरी माह में चलने वाले ‘’माइक्रोन्यूट्रिएंट सप्लीमेंटशन कार्यक्रम’’की जानकारी भी दी। इस कार्यक्रम के तहत 6 महीने से पांच वर्ष की आयु के बच्चों को विटामिन ए, अनुपूरण, कृमि-नाशक (पेट के कीड़े मारने के लिए), तरल आयरन फॉलिक एसिड, आयोडीन की मात्रा मापने के लिए साल्ट टेस्टिंग और टीकाकरण में छूटे हुए बच्चों को शामिल किया जायेगा, जिसका लाभ प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को टीका करण स्थल एवं आगनबाड़ी केंद्र में नि:शुल्क लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत छह माह से पांच साल तक के बच्चों को आयरन और फोलिक एसिड का सिरप दें। एक वर्ष से पांच साल तक के बच्चों को कृमिनाशक (पेट के कीड़े मारने के लिए) दवाई दी जानी है। जिससे बच्चा स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट रहेगा। इसके अलावा उन्होंने खाने में आयोडीन नमक का निरंतर प्रयोग करने की सलाह देने की बात कही।
उन्होंने यह भी बताया कि अनिमिया नवजातों, छोटे बच्चों और स्कूल जाने की आयु वाले बच्चों की प्रतिरक्षण क्षमता,सम्पूर्ण विकास, व्यवहार और शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसके अतिरिक्त बच्चों में विटामिन ए की कमी होने से बच्चों में दस्त, खसरे और न्यूमोनिया की सम्भावना बढ़ जाती है और बचपन में सबसे ज्यादा नुकसान करती है। विटामिन ए देने से रतौंधी नामक बीमारी से बचा जा सकता है। आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग से बच्चों को मंदबुद्धि होने से बचाया जा सकता है।
एसएमओ व चिकित्सा अधिकारी डॉ शिवानी ने बताया कि हरियाणा को मीसल्स वायरस मुक्त कर रूबेला को कंट्रोल किया जायेगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग जिला पंचकुला में 9 माह से । 5 साल तक के लगभग । .55 लाख बच्चों को स्कूलों व आंगनवाडिय़ों पर जाकर कवर करेगा, यह मीसल्स रूबेला प्रतिरोधक अभियान अप्रैल माह में 4-5 हफ्ते तक चलेगा।
बैठक में एसडीएम पंचकूला पंकज सेतिया, जिला शिक्षा अधिकारी एचएस सैनी के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक भी उपस्थित थे।
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