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चरागाह भूमि की किस्म परिवर्तन में आ रही बाधाएं दूर होगी-कृपलानी
जयपुर। स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने
गुरुवार को विधानसभा में कहा कि नगर विकास न्यास (यूआईटी), चित्तौड़गढ़ को
हस्तान्तरित चरागाह भूमि की किस्म परिवर्तन में आ रही बाधाओं को दूर करने
का प्रयास किया जा रहा है। प्रकरण राजस्व मण्डल में विचाराधीन है जिसके
जल्द निस्तारित होने की उम्मीद है।
कृपलानी ने शून्यकाल के दौरान इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए बताया कि 2004 में तत्कालीन चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर ने चित्तौड़गढ़ में स्थित बिलानाम राजकीय भूमियों को चरागाह दर्ज कर दिया था। जिला कलक्टर चित्तौड़गढ़ के इस निर्णय के विरूद्ध राज्य सरकार ने जरिये तहसीलदार चित्तौड़गढ़ राजस्व मण्डल में तीन रेफरेन्स संख्या को दर्ज किये गये है। प्रकरण राजस्व मण्डल में अभी विचाराधीन है। मंत्री कृपलानी ने कहा कि वर्तमान में भूमि की किस्म चरागाह होने के कारण उच्च न्यायालय व सर्वाेच्च न्यायालय की ओर से विभिन्न याचिकाओं में पारित आदेशों के कारण चरागाह भूमि को आवासीय व अन्य परियोजनाओं में उपयोग किये जाने में विधिक रुकावट आ रही है। इन विधिक अवरोधों के निराकरण का भी राज्य सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है।
कृपलानी ने शून्यकाल के दौरान इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए बताया कि 2004 में तत्कालीन चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर ने चित्तौड़गढ़ में स्थित बिलानाम राजकीय भूमियों को चरागाह दर्ज कर दिया था। जिला कलक्टर चित्तौड़गढ़ के इस निर्णय के विरूद्ध राज्य सरकार ने जरिये तहसीलदार चित्तौड़गढ़ राजस्व मण्डल में तीन रेफरेन्स संख्या को दर्ज किये गये है। प्रकरण राजस्व मण्डल में अभी विचाराधीन है। मंत्री कृपलानी ने कहा कि वर्तमान में भूमि की किस्म चरागाह होने के कारण उच्च न्यायालय व सर्वाेच्च न्यायालय की ओर से विभिन्न याचिकाओं में पारित आदेशों के कारण चरागाह भूमि को आवासीय व अन्य परियोजनाओं में उपयोग किये जाने में विधिक रुकावट आ रही है। इन विधिक अवरोधों के निराकरण का भी राज्य सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है।
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