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वरदान सिद्ध हुआ ग्राम-2016, किसान अब कमा रहे हैं लाखों रुपए
जयपुर/झालावाड़। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी के नेतृत्व में मई, 2016 में प्रगतिशील किसानों का एक दल इजरायल में कृषि के नवाचारों को देखने गया था। इस दल में उनके साथ गए झालावाड़ जिले के धनवाड़ा गांव के प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश पाटीदार को वहां विश्व की उन्नत कृषि तकनीक से रूबरू होने का मौका मिला। उन्होंने वहां देखा कि बहुत कम पानी और जमीन में भी तकनीक का प्रयोग करके वहां के किसान लाखों रुपए कमा रहे हैं। ये वहां की ड्रिप और संरक्षित खेती से बड़े प्रभावित हुए। उन्होंने वहां से लौटते ही ग्रीन हाउस के लिए आवेदन किया। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत इन्होंने अपने यहां 4 हजार वर्गमीटर का 70 फीसदी अनुदान पर ग्रीन हाउस लगाया। इस ग्रीन हाउस में पहले साल इन्होंने इसमें खीरे के फसल ली।
ओमप्रकाश बताते हैं कि जब हम खुले खेत में खीरे की फसल लेते थे, तो लगभग 50 हजार रुपए का ही मुनाफा होता था, लेकिन आज उतनी ही जमीन में मुनाफा 10 गुना बढक़र 5 लाख रुपए हो गया है। उन्होंने ग्रीन हाउस के साथ अपने 10 बीघा खेत में मल्चिंग के साथ सब्जियां उगानी भी शुरू कर दी हैं। इस तकनीक से खेती करने पर इनका उत्पादन दोगुना हो गया है। ओमप्रकाश अभी अपने खेत पर बैंगन, मिर्ची, भिंडी की खेती कर रहे हैं। उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से इनकी खेती करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया और आज ये लाखों रुपए इसके माध्यम से कमा रहे हैं।
आय बढ़ाने की नई तकनीक से हुए रूबरू
ओमप्रकाश बताते हैं कि जब हम खुले खेत में खीरे की फसल लेते थे, तो लगभग 50 हजार रुपए का ही मुनाफा होता था, लेकिन आज उतनी ही जमीन में मुनाफा 10 गुना बढक़र 5 लाख रुपए हो गया है। उन्होंने ग्रीन हाउस के साथ अपने 10 बीघा खेत में मल्चिंग के साथ सब्जियां उगानी भी शुरू कर दी हैं। इस तकनीक से खेती करने पर इनका उत्पादन दोगुना हो गया है। ओमप्रकाश अभी अपने खेत पर बैंगन, मिर्ची, भिंडी की खेती कर रहे हैं। उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से इनकी खेती करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया और आज ये लाखों रुपए इसके माध्यम से कमा रहे हैं।
आय बढ़ाने की नई तकनीक से हुए रूबरू
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