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अनसुलझी मर्डर मिस्ट्री:मम्मी-पापा ने आरुषि को नहीं मारा, तो फिर किसने मारा!
- 16 मई, 2008 : आरुषि तलवार का शव घर में मिला।
-17 मई, 2008 : नेपाल के रहने वाले नौकर हेमराज की लाश छत पर मिली, उसी पर आरुषि की हत्या का आरोप राजेश तलवार ने लगाया था।
- 18 मई 2008 : जांच में यूपी एसटीएफ को भी लगाया गया। पुलिस ने कहा कि दोनों मर्डर बेहद सफाई से किए गए। साथ ही, पुलिस ने माना कि मर्डर में परिवार से जुड़े किसी शख्स का हाथ है।
- 19 मई, 2008 : तलवार परिवार के पूर्व घरेलू नौकर विष्णु शर्मा पर भी पुलिस ने शक जाहिर किया।
- 21 मई, 2008 : यूपी पुलिस के साथ ही दिल्ली पुलिस भी जांच में शामिल हुई।
- 22 मई, 2008 : आरुषि की हत्या के ऑनर किलिंग होने का शक पुलिस ने जाहिर किया। इस पहलू से भी जांच शुरू की गई। पुलिस ने आरुषि के लगातार संपर्क में रहे एक नजदीकी दोस्त से भी पूछताछ की। इस दोस्त से आरुषि ने 45 दिनों में 688 बार फोन पर बात की थी।
- 23 मई, 2008 : पुलिस ने डॉ. राजेश तलवार को मर्डर के आरोप में अरेस्ट किया।
- 29 मई, 2008 : जांच सीबीआई के हवाले।
- 01 जून, 2008 : सीबीआई ने जांच शुरू की।
- 03 जून, 2008 : कम्पाउंडर कृष्णा को पूछताछ के लिए सीबीआई ने हिरासत में लिया।
- 27 जून, 2008 : नौकर राजकुमार को अरेस्ट किया गया।
- 12 जुलाई, 2008 : नौकर विजय मंडल अरेस्ट डॉ. तलवार को जमानत मिली।
- 29 दिसंबर, 2010 : सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट लगाई। गाजियाबाद कोर्ट ने नौकरों को क्लीन चिट दी, लेकिन पेरेंट्स के रोल पर सवाल उठाए।
- 09 फरवरी, 2011 : मामले में तलवार दंपती बने आरोपी।
- 21 फरवरी, 2011 : दंपती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपील की। हाईकोर्ट ने अपील खारिज कर दी और ट्रायल कोर्ट को इनके खिलाफ सुनवाई शुरू करने के आदेश दिए।
- 19 मार्च, 2011 : सुप्रीम कोर्ट गए। वहां भी राहत नहीं मिली।
- 11 जून, 2012 : सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। इस मामले की सुनवाई जस्टिस एस लाल ने की।
- 26 नवंबर, 2013 : जस्टिस एस लाल ने नूपुर और राजेश तलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।
-12 अक्टूबर, 2017: आरुषि हत्याकांड में तलवार दंपति बरी।
शुक्रवार दोहपर जेल से रिहा होंगे तलवार दंपति
-17 मई, 2008 : नेपाल के रहने वाले नौकर हेमराज की लाश छत पर मिली, उसी पर आरुषि की हत्या का आरोप राजेश तलवार ने लगाया था।
- 18 मई 2008 : जांच में यूपी एसटीएफ को भी लगाया गया। पुलिस ने कहा कि दोनों मर्डर बेहद सफाई से किए गए। साथ ही, पुलिस ने माना कि मर्डर में परिवार से जुड़े किसी शख्स का हाथ है।
- 19 मई, 2008 : तलवार परिवार के पूर्व घरेलू नौकर विष्णु शर्मा पर भी पुलिस ने शक जाहिर किया।
- 21 मई, 2008 : यूपी पुलिस के साथ ही दिल्ली पुलिस भी जांच में शामिल हुई।
- 22 मई, 2008 : आरुषि की हत्या के ऑनर किलिंग होने का शक पुलिस ने जाहिर किया। इस पहलू से भी जांच शुरू की गई। पुलिस ने आरुषि के लगातार संपर्क में रहे एक नजदीकी दोस्त से भी पूछताछ की। इस दोस्त से आरुषि ने 45 दिनों में 688 बार फोन पर बात की थी।
- 23 मई, 2008 : पुलिस ने डॉ. राजेश तलवार को मर्डर के आरोप में अरेस्ट किया।
- 29 मई, 2008 : जांच सीबीआई के हवाले।
- 01 जून, 2008 : सीबीआई ने जांच शुरू की।
- 03 जून, 2008 : कम्पाउंडर कृष्णा को पूछताछ के लिए सीबीआई ने हिरासत में लिया।
- 27 जून, 2008 : नौकर राजकुमार को अरेस्ट किया गया।
- 12 जुलाई, 2008 : नौकर विजय मंडल अरेस्ट डॉ. तलवार को जमानत मिली।
- 29 दिसंबर, 2010 : सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट लगाई। गाजियाबाद कोर्ट ने नौकरों को क्लीन चिट दी, लेकिन पेरेंट्स के रोल पर सवाल उठाए।
- 09 फरवरी, 2011 : मामले में तलवार दंपती बने आरोपी।
- 21 फरवरी, 2011 : दंपती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपील की। हाईकोर्ट ने अपील खारिज कर दी और ट्रायल कोर्ट को इनके खिलाफ सुनवाई शुरू करने के आदेश दिए।
- 19 मार्च, 2011 : सुप्रीम कोर्ट गए। वहां भी राहत नहीं मिली।
- 11 जून, 2012 : सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। इस मामले की सुनवाई जस्टिस एस लाल ने की।
- 26 नवंबर, 2013 : जस्टिस एस लाल ने नूपुर और राजेश तलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।
-12 अक्टूबर, 2017: आरुषि हत्याकांड में तलवार दंपति बरी।
शुक्रवार दोहपर जेल से रिहा होंगे तलवार दंपति
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