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स्वामीनाथन ने मोदी सरकार को किसान हितैषी बताया-विज
अंबाला।
किसान आन्दोलन की आड में राजनीति चमकाने के विपक्ष के प्रयासों पर
प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री अनिल
विज ने अम्बाला में कहा कि जिस स्वामीनाथन आयोग का सहारा लेकर विपक्ष
किसानों को गुमराह कर रहे है, उन्होंने स्वयं केन्द्र सरकार की किसान
हितैषी नीतियों की सराहना की हैै।
विज ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों का राजनैतिक आधार समाप्त हो चुका है और वे भोले-भाले किसानों को गुमराह करके अपनी राजनीति चमकाना चाहते है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष एम.एस. स्वामीनाथन ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में लागू की जा रही योजनाओं का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों को फसल बीमा योजना, मृद्धा स्वास्थ्य कार्ड, बेहतर बीज और सिंचाई सुविधाओं में विस्तार जैसे कदम उठाकर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रभावी प्रयास आरम्भ किए है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित करके भी अपनी भावना स्पष्ट कर दी है कि वे किसानों को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए कृतसंकल्प है।
श्री विज ने कहा कि एम.एस. स्वामीनाथन की केन्द्र सरकार की योजनाओं पर इस साकारात्मक टिप्पणी से विपक्ष की बोलती बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों को 3 लाख रूपए तक के फसली ऋण 4 प्रतिशत की मामूली ब्याज दर पर उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है जिससे देश के करोड़ों किसानों को आर्थिक बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से लेकर आज तक कांग्रेस ने किसानों की सबसे अधिक अनदेखी की है और पूर्व सरकारों की गलत नीतियों के कारण ही वर्षो तक किसानों का शोषण होता रहा है।
उन्होनें कहा कि राज्य सरकार ने भी किसानों के हित के लिए भूमि उपयोग सलाहकार सेवा का गठन, जीरो टीलेज तकनीक, धान की सीधी रोपाई, दलहन को बढ़ावा देने और कृषि विविधिकरण को प्रोत्साहित करते हुए हरियाणा में भी 23.56 लाख मृद्धा स्वास्थ्य कार्ड बनाए जा चुके है। उन्होंने बताया कि 35 वर्ष के बाद दक्षिण हरियाणा के 12 गांवों के लिए सिंचाई के लिए पहली बार पानी पहुंचाया गया है। उन्होनें कहा कि स्वामीनाथन आयोग द्वारा किसानों की फसल खराब होने पर 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की मुआवजा राशि की सिफारिश की गई थी जबकि सरकार द्वारा 12 हजार रूपए प्रति एकड़ की जोखिम राशि उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है। उन्होने कहा कि पहली बार प्रदेश में आगजनी के कारण फसल बर्बाद होने पर भी 12 हजार रुपए प्रति एकड़ दिलवाने की व्यवस्था की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गत अढ़ाई वर्षो में सरकार ने विभिन्न फसलों के बर्बाद होने पर किसानों को 3000 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि दिलवाई है जबकि पूर्व की सरकारें अपने पूरे कार्यकाल में 300 करोड़ रूपए की मुआवजा राशि भी उपलब्ध नहीं करवा सकी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहली बार सूरजमुखी, बाजरा और मूंग की खरीद सरकारी समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि भाजपा जन जागरण अभियान चलाकर जनता के बीच विपक्ष के झूठे प्रचार की पौल खोलेगी।
विज ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों का राजनैतिक आधार समाप्त हो चुका है और वे भोले-भाले किसानों को गुमराह करके अपनी राजनीति चमकाना चाहते है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष एम.एस. स्वामीनाथन ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में लागू की जा रही योजनाओं का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों को फसल बीमा योजना, मृद्धा स्वास्थ्य कार्ड, बेहतर बीज और सिंचाई सुविधाओं में विस्तार जैसे कदम उठाकर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रभावी प्रयास आरम्भ किए है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित करके भी अपनी भावना स्पष्ट कर दी है कि वे किसानों को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए कृतसंकल्प है।
श्री विज ने कहा कि एम.एस. स्वामीनाथन की केन्द्र सरकार की योजनाओं पर इस साकारात्मक टिप्पणी से विपक्ष की बोलती बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों को 3 लाख रूपए तक के फसली ऋण 4 प्रतिशत की मामूली ब्याज दर पर उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है जिससे देश के करोड़ों किसानों को आर्थिक बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से लेकर आज तक कांग्रेस ने किसानों की सबसे अधिक अनदेखी की है और पूर्व सरकारों की गलत नीतियों के कारण ही वर्षो तक किसानों का शोषण होता रहा है।
उन्होनें कहा कि राज्य सरकार ने भी किसानों के हित के लिए भूमि उपयोग सलाहकार सेवा का गठन, जीरो टीलेज तकनीक, धान की सीधी रोपाई, दलहन को बढ़ावा देने और कृषि विविधिकरण को प्रोत्साहित करते हुए हरियाणा में भी 23.56 लाख मृद्धा स्वास्थ्य कार्ड बनाए जा चुके है। उन्होंने बताया कि 35 वर्ष के बाद दक्षिण हरियाणा के 12 गांवों के लिए सिंचाई के लिए पहली बार पानी पहुंचाया गया है। उन्होनें कहा कि स्वामीनाथन आयोग द्वारा किसानों की फसल खराब होने पर 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की मुआवजा राशि की सिफारिश की गई थी जबकि सरकार द्वारा 12 हजार रूपए प्रति एकड़ की जोखिम राशि उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है। उन्होने कहा कि पहली बार प्रदेश में आगजनी के कारण फसल बर्बाद होने पर भी 12 हजार रुपए प्रति एकड़ दिलवाने की व्यवस्था की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गत अढ़ाई वर्षो में सरकार ने विभिन्न फसलों के बर्बाद होने पर किसानों को 3000 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि दिलवाई है जबकि पूर्व की सरकारें अपने पूरे कार्यकाल में 300 करोड़ रूपए की मुआवजा राशि भी उपलब्ध नहीं करवा सकी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहली बार सूरजमुखी, बाजरा और मूंग की खरीद सरकारी समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि भाजपा जन जागरण अभियान चलाकर जनता के बीच विपक्ष के झूठे प्रचार की पौल खोलेगी।
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