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योगी का एक्शन जारी, शिक्षा विभाग की 48000 भर्तियों पर लगाई रोक
अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ट्रेलर जारी है। एक दिन पहले ही लोक सेवा आयोग की भर्ती में साक्षात्कार पर रोक लगाने के बाद शिक्षा विभाग को योगी ने जोरदार झटका दिया है । योगी सरकार ने शिक्षा विभाग की हजारों भर्तियों पर तत्काल प्रभाव से स्थागित कर दिया है। इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद की लगभग 48000 भर्तियों पर रोक लग गई है। शासन से मिले निर्देश के बाद प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापकों, चार हजार उर्दू विषय के सहायक अध्यापकों के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती स्थगित कर दी गई है। सरकार के इस आदेश के बाद विभाग में हड़कंप है। जबकि नौकरी के लिये लाइन में लगे प्रतियोगी भी असमंजस में है।
हो चुकी है पहली काउंसलिंग
सूबे में 12460 शिक्षकों की भर्ती के लिए 18 से 20 मार्च तक पहली काउंसलिंग भी हो चुकी है और दूसरे चक्र की काउंसलिंग 25 मार्च को प्रस्तावित थी। लेकिन नयी सरकार के इस आदेश के बाद यह भर्ती अधर में लटकती दिखायी दे रही है । फिलहाल सरकार के अगले आदेश तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगी रहेगी ।
उर्दू के सहायक अध्यापक भी अटके
शिक्षा विभाग उर्दू विषय के टीचर से जूझ रहा था। लेकिन इस बार 4 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती केवल उर्दू विषय के लिये हो रही थी। 22 व 23 मार्च को प्रथम चरण की काउंसलिंग हो गई है। जबकि दूसरे चक्र की काउंसलिंग 30 मार्च को होनी थी। यही क्रम गणित व विज्ञान की भर्ती प्रक्रिया पर भी लागू किया गया है ।
अनुदेशकों पर भी संशय
जैसा की पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिये अनुदेशकों की भर्ती भी शुरू कराई थी। विज्ञापन के अनुसार यूपी में कुल 32022 अनुदेशकों की भर्ती होनी है और 4 से 9 अप्रैल तक काउंसलिंग का क्रम भी शुरू होना था। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुये यह भर्ती प्रक्रिया लंबा खिचने की ओर बढ रही है। गौरतलब है कि अनुदेशकों के लिए भर्ती प्रक्रिया अक्तूबर 2016 में शुरू हुई थी जिसके लिए डेढ़ लाख से अधिक बीपीएड, सीपीएड और डीपीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसी तरह 12460 और 4000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए दिसंबर 2016 में शुरू हुई थी। बेसिक शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव अशोक कुमार गुप्ता ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सरकार के अगले आदेश तक इन दोनों भर्तियों को रोकने के निर्देश दिये हैं। फिलहाल योगीराज में यादवराज की भर्तियों पर रोक का सिलसिला चल चुका है। देखना दिलचस्प होगा कि यह कहां तक जाता है।
हो चुकी है पहली काउंसलिंग
सूबे में 12460 शिक्षकों की भर्ती के लिए 18 से 20 मार्च तक पहली काउंसलिंग भी हो चुकी है और दूसरे चक्र की काउंसलिंग 25 मार्च को प्रस्तावित थी। लेकिन नयी सरकार के इस आदेश के बाद यह भर्ती अधर में लटकती दिखायी दे रही है । फिलहाल सरकार के अगले आदेश तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगी रहेगी ।
उर्दू के सहायक अध्यापक भी अटके
शिक्षा विभाग उर्दू विषय के टीचर से जूझ रहा था। लेकिन इस बार 4 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती केवल उर्दू विषय के लिये हो रही थी। 22 व 23 मार्च को प्रथम चरण की काउंसलिंग हो गई है। जबकि दूसरे चक्र की काउंसलिंग 30 मार्च को होनी थी। यही क्रम गणित व विज्ञान की भर्ती प्रक्रिया पर भी लागू किया गया है ।
अनुदेशकों पर भी संशय
जैसा की पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिये अनुदेशकों की भर्ती भी शुरू कराई थी। विज्ञापन के अनुसार यूपी में कुल 32022 अनुदेशकों की भर्ती होनी है और 4 से 9 अप्रैल तक काउंसलिंग का क्रम भी शुरू होना था। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुये यह भर्ती प्रक्रिया लंबा खिचने की ओर बढ रही है। गौरतलब है कि अनुदेशकों के लिए भर्ती प्रक्रिया अक्तूबर 2016 में शुरू हुई थी जिसके लिए डेढ़ लाख से अधिक बीपीएड, सीपीएड और डीपीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसी तरह 12460 और 4000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए दिसंबर 2016 में शुरू हुई थी। बेसिक शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव अशोक कुमार गुप्ता ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सरकार के अगले आदेश तक इन दोनों भर्तियों को रोकने के निर्देश दिये हैं। फिलहाल योगीराज में यादवराज की भर्तियों पर रोक का सिलसिला चल चुका है। देखना दिलचस्प होगा कि यह कहां तक जाता है।
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