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दो जीबी हिंदो गांव के लोगों को मूल स्थान में शामिल करने की शीघ्र होगी कार्रवाई : राठौड़
श्रीगंगानगर। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि दो जीबी हिंदो गांव के मूल निवासी को जो कि 1958 की बाढ़ के बाद 15 एसएचपीडी में अस्थायी रूप से बस गए थे, उन्हें उनके मूल स्थान में शामिल करने की कार्रवाई शीघ्र की जाएगी।
राठौड़ ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए बताया कि दो जीबी हिंदो गांव, ग्राम पंचायत दो जीबी ए का हिस्सा है, जो विजयनगर पंचायत समिति के अंतर्गत आता है। 1958 में आई बाढ़ के दौरान यह हिस्सा जलमग्न हो गया था। उस समय यहां के निवासियों ने कुछ दूरी पर स्थित ऊंचाई वाली जगह पर शरण ली एवं अस्थायी रूप से यहीं बस गए। यह स्थान 15 एसएचपीडी है और यह राजस्व भूमि सूरतगढ़ के अंतर्गत आता है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि समस्या यह है कि इतने साल बाद तक भी यहां के लोगों के राशन कार्ड, पहचान पत्र और जॉब कार्ड उनके मूल गांव दो जीबी हिंदो से ही बने हुए हैं, जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मनरेगा एक्ट के तहत जिस ग्राम पंचायत का जॉब कार्ड बना हो, उसी ग्राम पंचायत की राजस्व भूमि में उसे व्यक्तिगत लाभकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 9, 10, 101 के तहत ग्राम पंचायत की सीमा में परिवर्तन के लिए विधिवत रूप से 1 माह का नोटिस देकर जिला कलेक्टर आपत्ति आमंत्रित करता है। इसके बाद जनसुनवाई होती है और अनुशंषा राज्य सरकार के पास भेजी जाती है। राठौड़ ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही जिला कलेक्टर के माध्यम से इस अधिनियम के तहत प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राठौड़ ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए बताया कि दो जीबी हिंदो गांव, ग्राम पंचायत दो जीबी ए का हिस्सा है, जो विजयनगर पंचायत समिति के अंतर्गत आता है। 1958 में आई बाढ़ के दौरान यह हिस्सा जलमग्न हो गया था। उस समय यहां के निवासियों ने कुछ दूरी पर स्थित ऊंचाई वाली जगह पर शरण ली एवं अस्थायी रूप से यहीं बस गए। यह स्थान 15 एसएचपीडी है और यह राजस्व भूमि सूरतगढ़ के अंतर्गत आता है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि समस्या यह है कि इतने साल बाद तक भी यहां के लोगों के राशन कार्ड, पहचान पत्र और जॉब कार्ड उनके मूल गांव दो जीबी हिंदो से ही बने हुए हैं, जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मनरेगा एक्ट के तहत जिस ग्राम पंचायत का जॉब कार्ड बना हो, उसी ग्राम पंचायत की राजस्व भूमि में उसे व्यक्तिगत लाभकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 9, 10, 101 के तहत ग्राम पंचायत की सीमा में परिवर्तन के लिए विधिवत रूप से 1 माह का नोटिस देकर जिला कलेक्टर आपत्ति आमंत्रित करता है। इसके बाद जनसुनवाई होती है और अनुशंषा राज्य सरकार के पास भेजी जाती है। राठौड़ ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही जिला कलेक्टर के माध्यम से इस अधिनियम के तहत प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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