Advertisement
अनसुलझे प्रकरणों की गांठ खोल रहे हैं राजस्व शिविर
डूंगरपुर। राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार 2017 अभियान अनेक लोगों के लिए वरदान साबित हुआ। इसके तहत लगाए गए शिविर कई सालों से अनसुलझे प्रकरणों से बंधी गांठ को खोलने में कामयाब रहे हैं।
सालों के विवादित प्रकरणों के कारण मनमुटाव होना और फिर रिश्तों में दरार आना स्वाभाविक है। राजस्व शिविर ऎसे प्रकरणों का आपसी समझाईश द्वारा निस्तारण कर समाधान का केन्द्र तो बने साथ ही बढ़ते मनमुटाव को दूर कर रिश्तों एवं मानवीय संवेदनाओं को भी नवजीवन प्रदान कर रहे हैं।
जिले में चले राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार 2017 में ऎसे कई जटिल प्रकरणों को सुलझते देखा गया है। ऎसा ही प्रकरण सागवाडा़ तहसील के बरबोदनिया पंचायत में आयोजित राजस्व शिविर के दौरान आया जिसमें 54 खसरों की 70 बीघा जमीन का बडा ही जटिल प्रकरण कई सालों से अनसुलझा था जिसके कारण वादी और परिवादी सभीजन परेशान हो रहे थे।
शिविर में पहुंचने पर शिविर प्रभारी एवं उपखण्ड अधिकारी गोपालसिंह शेखावत ने तहसीलदार सुबोधसिंह चारण से पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक जानकारी ली। वादी-प्रतिवादी के तर्कों एवं तकनीकी पेचीदगियों की जटिलता से अनसुलझे इस प्रकरण को सुलझाने में बड़ी समस्या आ रही थी।
शिविर में सभी संबंधित खातेदारों में से प्रत्येक की बात को पूरी तसल्ली के साथ शिविर अधिकारियों द्वारा सुना गया। अपने मन की बात को पूरी तरह बयान करने से प्रार्थियों के मन हल्के हुए और वे अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई समझाइश को ग्रहण करने में कामयाब रहे। रिश्तों को बनाने और पीढ़ियों तक निभाने की ये समझाइश आखिर काम आई और प्रस्तुत प्रकरण में सेटलमेंट के तीन खातों के 54 खसरों में विस्तृत 70 बीघा जमीन के खातेदारों कुबेरलाल, महेन्द्रकुमार, प्राणशंकर, हेतलाल, विष्णुचरण, ललितकुमार के बीच बंटवारा किया गया।
बरसों से इस अनसुलझे प्रकरण के सुलझने से सभी खातेदारों ने राहत की सांस ली तथा राज्य सरकार द्वारा आयोजित राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान की भी भरपूर सराहना की। सभी लाभार्थियों ने अपने ही गांव में बैठकर इस प्रकरण के निस्तारित होने पर प्रसन्न होकर समेकित स्वर में कहा कि इस शिविर से हमें न्यायालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल ही गई और समस्या का निस्तारण भी आसानी हो गया। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।
सालों के विवादित प्रकरणों के कारण मनमुटाव होना और फिर रिश्तों में दरार आना स्वाभाविक है। राजस्व शिविर ऎसे प्रकरणों का आपसी समझाईश द्वारा निस्तारण कर समाधान का केन्द्र तो बने साथ ही बढ़ते मनमुटाव को दूर कर रिश्तों एवं मानवीय संवेदनाओं को भी नवजीवन प्रदान कर रहे हैं।
जिले में चले राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार 2017 में ऎसे कई जटिल प्रकरणों को सुलझते देखा गया है। ऎसा ही प्रकरण सागवाडा़ तहसील के बरबोदनिया पंचायत में आयोजित राजस्व शिविर के दौरान आया जिसमें 54 खसरों की 70 बीघा जमीन का बडा ही जटिल प्रकरण कई सालों से अनसुलझा था जिसके कारण वादी और परिवादी सभीजन परेशान हो रहे थे।
शिविर में पहुंचने पर शिविर प्रभारी एवं उपखण्ड अधिकारी गोपालसिंह शेखावत ने तहसीलदार सुबोधसिंह चारण से पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक जानकारी ली। वादी-प्रतिवादी के तर्कों एवं तकनीकी पेचीदगियों की जटिलता से अनसुलझे इस प्रकरण को सुलझाने में बड़ी समस्या आ रही थी।
शिविर में सभी संबंधित खातेदारों में से प्रत्येक की बात को पूरी तसल्ली के साथ शिविर अधिकारियों द्वारा सुना गया। अपने मन की बात को पूरी तरह बयान करने से प्रार्थियों के मन हल्के हुए और वे अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई समझाइश को ग्रहण करने में कामयाब रहे। रिश्तों को बनाने और पीढ़ियों तक निभाने की ये समझाइश आखिर काम आई और प्रस्तुत प्रकरण में सेटलमेंट के तीन खातों के 54 खसरों में विस्तृत 70 बीघा जमीन के खातेदारों कुबेरलाल, महेन्द्रकुमार, प्राणशंकर, हेतलाल, विष्णुचरण, ललितकुमार के बीच बंटवारा किया गया।
बरसों से इस अनसुलझे प्रकरण के सुलझने से सभी खातेदारों ने राहत की सांस ली तथा राज्य सरकार द्वारा आयोजित राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान की भी भरपूर सराहना की। सभी लाभार्थियों ने अपने ही गांव में बैठकर इस प्रकरण के निस्तारित होने पर प्रसन्न होकर समेकित स्वर में कहा कि इस शिविर से हमें न्यायालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल ही गई और समस्या का निस्तारण भी आसानी हो गया। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
डूंगरपुर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement