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राममंदिर आंदोलन... तो बढ़ सकती हैं मुलायम सिंह यादव की मुसीबतें
फैजाबाद। यूपी के सीएम रहे समाजवादी पार्टी के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव की 27 वर्ष बाद मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
1990 में राममंदिर आंदोलन के दौरान कई कार सेवकों की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे आहत होकर 27 वर्ष बाद खैलात घोष लैन कोलकाता पश्चिम बंगाल की रहने वाली पूर्णिमा कोठारी पुत्री हीरा लाल कोठारी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर डीजीपी उतर प्रदेश व फैज़ाबाद के एसएसपी से पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ हत्या की साजिश व हत्या कराने का मुकदमा चलाने की मांग की है।
पूर्णिमा कोठारी ने बताया कि उनके दो सगे भाई राम कुमार व शरद कुमार कोठारी 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या कारसेवा रामन्दिर के लिए गए थे और उनके दोनों भाइयों ने रामजन्मभूमि पर सबसे पहले गुम्बद पर चढ़ कर विजय ध्वज पताका फराया था और 2 नवंबर 1990 को पुनः लाखों कारसेवकों के साथ दिगम्बर अखाड़े के पास लाल कोठी की गली में मुलायम सरकार की ओर से गोली चलाई गई। जिसमें उनके दोनों भाइयों की मौत हो गई थी। अयोध्या के रमेश पांडेय अवासुदेव गुप्त आदि कई कारसेवक भी इस फायरिंग में मारे गए थे। अब उनके माता पिता भी इस दुनियां में नहीं है। लिहाजा इस मामले में आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब वे तन्हा अकेली है इस लिए इंसाफ पाने के लिए उन्होंने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से की है। यदि मुकदमा नहीं दर्ज होगा तो वे फैज़ाबाद के न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर न्याय की मांग करेंगी।
1990 में राममंदिर आंदोलन के दौरान कई कार सेवकों की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे आहत होकर 27 वर्ष बाद खैलात घोष लैन कोलकाता पश्चिम बंगाल की रहने वाली पूर्णिमा कोठारी पुत्री हीरा लाल कोठारी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर डीजीपी उतर प्रदेश व फैज़ाबाद के एसएसपी से पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ हत्या की साजिश व हत्या कराने का मुकदमा चलाने की मांग की है।
पूर्णिमा कोठारी ने बताया कि उनके दो सगे भाई राम कुमार व शरद कुमार कोठारी 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या कारसेवा रामन्दिर के लिए गए थे और उनके दोनों भाइयों ने रामजन्मभूमि पर सबसे पहले गुम्बद पर चढ़ कर विजय ध्वज पताका फराया था और 2 नवंबर 1990 को पुनः लाखों कारसेवकों के साथ दिगम्बर अखाड़े के पास लाल कोठी की गली में मुलायम सरकार की ओर से गोली चलाई गई। जिसमें उनके दोनों भाइयों की मौत हो गई थी। अयोध्या के रमेश पांडेय अवासुदेव गुप्त आदि कई कारसेवक भी इस फायरिंग में मारे गए थे। अब उनके माता पिता भी इस दुनियां में नहीं है। लिहाजा इस मामले में आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब वे तन्हा अकेली है इस लिए इंसाफ पाने के लिए उन्होंने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से की है। यदि मुकदमा नहीं दर्ज होगा तो वे फैज़ाबाद के न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर न्याय की मांग करेंगी।
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