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44 वर्ष बाद पूरी भरी राजसमंद झील, उच्च शिक्षा मंत्री ने की पूजा
जयपुर/ राजसमन्द। राजसमन्द झील 44 साल बाद एक बार फिर पूरी भर गई है। झील के छलकने की खुशी में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने वासोल में विधि-विधान से झील का पूजन किया और आरती उतारी। इस दौरान बैण्डबाजों और जयकारों के बीच झीलप्रेमियों में उत्साह और उल्लास का ज्वार पसरा रहा। सैकड़ों लोगों ने झील से प्रस्फुटित हो रही धाराओं के बीच आवागमन, स्नान और जलक्रीड़ाओं का आनंद लिया और झील भरने की खुशी जाहिर की। इसके बाद भाणा ग्राम पंचायत की ओर से आयोजित समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी का नागरिक प्रतिनिधियों, ग्रामीणों, संस्थाओं, किसानों आदि ने स्वागत किया और पगड़ी पहनाई तथा उनके संकल्प को बलवान बताते हुए इसे प्रभु की कृपा निरूपित करते हुए झील संरक्षण के प्रति आत्मीय लगाव के लिए आभार जताया। गौरतलब है कि पहले वर्ष 1973 में यह झील पूरी भरी थी।
इस दौरान नगर परिषद सभापति सुरेश पालीवाल, उप सभापति अर्जुन मेवाड़ा, समाजसेवी महेन्द्र टेलर, मानसिंह बारहठ, भानु पालीवाल, उप जिला प्रमुख सफलता गुर्जर, प्रधान रीना कुमावत, उप प्रधान भरत पालीवाल सहित क्षेत्र भर से उमड़े ग्राम्य एवं शहरी जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, झील संरक्षण से जुड़े गणमान्य नागरिकों, सैकड़ों शहरवासियों एवं ग्रामीणों की मौजूदगी में माहेश्वरी ने झील भरने के लिए जलदेवता का आभार व्यक्त किया और अपने इस संकल्प को दोहराया कि वे इस खुशी में भगवान का आभार जताने के लिए द्वारिकाधीश से चारभुजानाथ तक पदयात्रा करेंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यापक तैयारियां जारी हैं और बड़ी संख्या में लोग पदयात्रा में सहभागी बनने के लिए उत्सुक हैं।
इस दौरान नगर परिषद सभापति सुरेश पालीवाल, उप सभापति अर्जुन मेवाड़ा, समाजसेवी महेन्द्र टेलर, मानसिंह बारहठ, भानु पालीवाल, उप जिला प्रमुख सफलता गुर्जर, प्रधान रीना कुमावत, उप प्रधान भरत पालीवाल सहित क्षेत्र भर से उमड़े ग्राम्य एवं शहरी जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, झील संरक्षण से जुड़े गणमान्य नागरिकों, सैकड़ों शहरवासियों एवं ग्रामीणों की मौजूदगी में माहेश्वरी ने झील भरने के लिए जलदेवता का आभार व्यक्त किया और अपने इस संकल्प को दोहराया कि वे इस खुशी में भगवान का आभार जताने के लिए द्वारिकाधीश से चारभुजानाथ तक पदयात्रा करेंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यापक तैयारियां जारी हैं और बड़ी संख्या में लोग पदयात्रा में सहभागी बनने के लिए उत्सुक हैं।
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