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पंजाब के राज्यपाल ने शहीद अमरजीत सिंह की याद ताजा रखने के लिए की स्कालरशिप स्कीम की शुरुआत
होशियारपुर। पंजाब के राज्यपाल तथा एडमनिस्ट्रेटर यूटी चंडीगढ़ श्री वी.पी. सिंह बदनौर ने आज खालसा कालेज गढ़दीवाला होशियारपुर में चंडीगढ़ पुलिस के शहीद एएसआई अमरजीत सिंह को श्रद्घांजलि देने के बाद शहीद की याद को हमेशा ताजा रखने के लिए स्कालरशिप स्कीम की शुरुआत की। उन्होंने सब से पहले शहीद की तस्वीर पर श्रद्घा के फूल भेंट किए। इसके बाद समागम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शहीद अमरजीत सिंह जैसे शहीदों की कुर्बानियों को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि शहीद की याद को ताजा रखने के लिए ही स्कालरशिप स्कीम शुरु की गई है जो हर वर्ष कालेज के टापर विद्यार्थी को दी जाएगी।
वी.पी. सिंह बदनौर ने कहा कि अमरजीत सिंह डयूटी दौरान चंडीगढ़ में 8 दिसंबर 1989 को आतंकवादियों से लौहा लेते हुए शहादत का जाम पी गए थे। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस जहां 21 अक्टूबर को पुलिस यादगार दिवस मनाती है वहीं इस बार यह फैसला भी लिया गया है कि शहीदों को श्रद्घांजलि वहीं पर दी जाएगी जिस शिक्षा संस्थान में उन्होंने शिक्षा हासिल की है। उन्होंने बताया कि अमरजीत सिंह ने खालसा कालेज गढ़दीवाला से ही शिक्षा हासिल की है । उन्होंने कहा कि जब एएसआई अमरजीत सिंह पुलिस पोस्ट - 36 चंडीगढ़ में तैनात थे तो 8 दिसंबर 1989 को नहरु कालोनी गांव कजेहरी, चंडीगढ़ में रात की गशत दौरान दो आतंकवादियों की ओर से हमला करके उनको शहीद कर दिया गया था।
पंजाब के राज्यपाल वी.पी सिंह बदनौर ने शहीद के परिवार को भी विशेष तौर पर सम्मानित किया। उन्होंने इस मौके पर शहीद अमरजीत सिंह को समर्पित शुरु की गई स्कालरशिप स्कीम के तहत पहला चेक कॉलेज की दसवीं कक्षा की टापर रहने वाली छात्रा अंजली को 11 हजार रुपये का चेक देकर किया। उन्होंने शहीद अमरजीत सिंह की धर्म पत्नी बीबी सुखविंदर कौर, बेटियों कुलबीर कौर तथा हरजीत कौर को सम्मानित करने के बाद उनसे मुलाकात करते हुए कहा कि यह स मान केवल शहीद के परिवार के प्रति आभार व्यकत करने का मात्र प्रयास ही है तथा शहीदों की कुर्बानी का मूल्य कभी मोड़ा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि देश के इन महान शहीदों की शहादत देश वासियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है । उन्होंने कहा कि समूचा देश ऐसे बहादुर योद्घाओं की कुर्बानी का सदा ऋृणि रहेगा। इससे पहले माननीय राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर ने पुलिस के शहीदों की याद में एक किताबचा भी रिलीज किया।
डायरेक्टर जनरल पुलिस चंडीगढ़ तजिंदर सिंह लूथरा ने शहीद अमरजीत सिंह को श्रद्घा के फूल भेंट करते हुए कहा कि चंडीगढ़ पुलिस की शहीदों को उनके शिक्षा संस्थानों में जा कर श्रद्घांजलि भेंट करने की एक निवेकली पहल है। उन्होंने कहा कि अमरजीत सिंह गांव सरहाला (गढ़दीवाला), जिला होशियारपुर के रहने वाले थे और उनका जन्म 18 मई 1956 को हुआ था। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस में 26 जुलाई 1976 को सिपाही के पद पर जुआयन किया था तथा एएसआई के तौर पर वे 2 सितंबर 1988 को पदोन्नत हुए थे। उन्होंने कहा कि अमरजीत सिंह की ओर से चंडीगढ़ पुलिस में शानदार सेवाएं निभाई गई है।
वी.पी. सिंह बदनौर ने कहा कि अमरजीत सिंह डयूटी दौरान चंडीगढ़ में 8 दिसंबर 1989 को आतंकवादियों से लौहा लेते हुए शहादत का जाम पी गए थे। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस जहां 21 अक्टूबर को पुलिस यादगार दिवस मनाती है वहीं इस बार यह फैसला भी लिया गया है कि शहीदों को श्रद्घांजलि वहीं पर दी जाएगी जिस शिक्षा संस्थान में उन्होंने शिक्षा हासिल की है। उन्होंने बताया कि अमरजीत सिंह ने खालसा कालेज गढ़दीवाला से ही शिक्षा हासिल की है । उन्होंने कहा कि जब एएसआई अमरजीत सिंह पुलिस पोस्ट - 36 चंडीगढ़ में तैनात थे तो 8 दिसंबर 1989 को नहरु कालोनी गांव कजेहरी, चंडीगढ़ में रात की गशत दौरान दो आतंकवादियों की ओर से हमला करके उनको शहीद कर दिया गया था।
पंजाब के राज्यपाल वी.पी सिंह बदनौर ने शहीद के परिवार को भी विशेष तौर पर सम्मानित किया। उन्होंने इस मौके पर शहीद अमरजीत सिंह को समर्पित शुरु की गई स्कालरशिप स्कीम के तहत पहला चेक कॉलेज की दसवीं कक्षा की टापर रहने वाली छात्रा अंजली को 11 हजार रुपये का चेक देकर किया। उन्होंने शहीद अमरजीत सिंह की धर्म पत्नी बीबी सुखविंदर कौर, बेटियों कुलबीर कौर तथा हरजीत कौर को सम्मानित करने के बाद उनसे मुलाकात करते हुए कहा कि यह स मान केवल शहीद के परिवार के प्रति आभार व्यकत करने का मात्र प्रयास ही है तथा शहीदों की कुर्बानी का मूल्य कभी मोड़ा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि देश के इन महान शहीदों की शहादत देश वासियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है । उन्होंने कहा कि समूचा देश ऐसे बहादुर योद्घाओं की कुर्बानी का सदा ऋृणि रहेगा। इससे पहले माननीय राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर ने पुलिस के शहीदों की याद में एक किताबचा भी रिलीज किया।
डायरेक्टर जनरल पुलिस चंडीगढ़ तजिंदर सिंह लूथरा ने शहीद अमरजीत सिंह को श्रद्घा के फूल भेंट करते हुए कहा कि चंडीगढ़ पुलिस की शहीदों को उनके शिक्षा संस्थानों में जा कर श्रद्घांजलि भेंट करने की एक निवेकली पहल है। उन्होंने कहा कि अमरजीत सिंह गांव सरहाला (गढ़दीवाला), जिला होशियारपुर के रहने वाले थे और उनका जन्म 18 मई 1956 को हुआ था। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस में 26 जुलाई 1976 को सिपाही के पद पर जुआयन किया था तथा एएसआई के तौर पर वे 2 सितंबर 1988 को पदोन्नत हुए थे। उन्होंने कहा कि अमरजीत सिंह की ओर से चंडीगढ़ पुलिस में शानदार सेवाएं निभाई गई है।
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