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अनैतिक देह व्यापार के मामले में गोरखपुर दूसरे स्थान पर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्य क्षेत्र और गृह जनपद गोरखपुर प्रदेश के चल रहे अनैतिक देह व्यापार मामले में दूसरे स्थान पर है। यह तथ्य आरटीआई के तहत राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो की ओर से दी गई जानकारी में सामने आया है।
आरटीआई कंसलटेंट इं. संजय शर्मा ने बीते 14 सितंबर को प्रदेश के मुख्य सचिव के कार्यालय में वर्ष 2012 से 2017 तक की अवधि में पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए अपराधियों और पुलिस कर्मियों की संख्या की सूचना मांगी थी। मुख्य सचिव कार्यालय ने संजय की अर्जी गृह विभाग को अंतरित की गई, जहां से यह अर्जी पुन: अंतरित होकर लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक (अपराध) के कार्यालय में पंहुची।
इस आरटीआई अर्जी पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के जनसूचना अधिकारी ने जो सूचना उपलब्ध कराई, उसके मुताबिक यूपी के 9 मंडलों में अनैतिक देह व्यापार के अभियुक्तों की संख्या के मामले में आगरा मंडल प्रथम तो गोरखपुर मंडल दूसरे स्थान पर है।
आरटीआई के तहत दिए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक जनवरी 2017 से 30 सितंबर 2017 तक यूपी के 9 मंडलों में अनैतिक देह व्यापार के अपराधों में सर्वाधिक 48 अभियुक्त आगरा मंडल, दूसरे नंबर पर 36 अभियुक्त गोरखपुर मंडल, तीसरे नंबर पर 29 अभियुक्त लखनऊ मंडल, चौथे नंबर पर 26 अभियुक्त बरेली मंडल, पांचवें नंबर पर 24-24 अभियुक्त मेरठ और वाराणसी मंडल और छठे नंबर पर 16 अभियुक्त इलाहाबाद मंडल के रहे।
वहीं इस अपराध के पंजीकृत अभियोगों में सर्वाधिक 9 मामले आगरा मंडल, दूसरे नंबर पर 8-8 मामले बरेली और मेरठ मंडल, तीसरे नंबर पर 7 मामले लखनऊ मंडल, चौथे नंबर पर 6 मामले गोरखपुर मंडल, पांचवें नंबर पर 4 मामले वाराणसी मंडल और छठे नंबर पर 3 मामले इलाहाबाद मंडल के थे।
संजय ने बताया कि दी गई सूचना के मुताबिक, कानपुर मंडल सूबे का एकमात्र ऐसा मंडल रहा, जहां अनैतिक देह व्यापार की कोई घटना नहीं हुई। जीआरपी मंडल में भी ऐसा कोई अपराध नहीं होने की बात भी संजय को बताई गई है।
अनैतिक देह व्यापार को सभ्य समाज के लिए कलंक बताते हुए संजय ने योगी को अपने अपंजीकृत संगठन 'तहरीर' की ओर से पत्र लिखकर अनैतिक देह व्यापार में लगे लोगों के पुनर्वास के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
--आईएएनएस
आरटीआई कंसलटेंट इं. संजय शर्मा ने बीते 14 सितंबर को प्रदेश के मुख्य सचिव के कार्यालय में वर्ष 2012 से 2017 तक की अवधि में पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए अपराधियों और पुलिस कर्मियों की संख्या की सूचना मांगी थी। मुख्य सचिव कार्यालय ने संजय की अर्जी गृह विभाग को अंतरित की गई, जहां से यह अर्जी पुन: अंतरित होकर लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक (अपराध) के कार्यालय में पंहुची।
इस आरटीआई अर्जी पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के जनसूचना अधिकारी ने जो सूचना उपलब्ध कराई, उसके मुताबिक यूपी के 9 मंडलों में अनैतिक देह व्यापार के अभियुक्तों की संख्या के मामले में आगरा मंडल प्रथम तो गोरखपुर मंडल दूसरे स्थान पर है।
आरटीआई के तहत दिए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक जनवरी 2017 से 30 सितंबर 2017 तक यूपी के 9 मंडलों में अनैतिक देह व्यापार के अपराधों में सर्वाधिक 48 अभियुक्त आगरा मंडल, दूसरे नंबर पर 36 अभियुक्त गोरखपुर मंडल, तीसरे नंबर पर 29 अभियुक्त लखनऊ मंडल, चौथे नंबर पर 26 अभियुक्त बरेली मंडल, पांचवें नंबर पर 24-24 अभियुक्त मेरठ और वाराणसी मंडल और छठे नंबर पर 16 अभियुक्त इलाहाबाद मंडल के रहे।
वहीं इस अपराध के पंजीकृत अभियोगों में सर्वाधिक 9 मामले आगरा मंडल, दूसरे नंबर पर 8-8 मामले बरेली और मेरठ मंडल, तीसरे नंबर पर 7 मामले लखनऊ मंडल, चौथे नंबर पर 6 मामले गोरखपुर मंडल, पांचवें नंबर पर 4 मामले वाराणसी मंडल और छठे नंबर पर 3 मामले इलाहाबाद मंडल के थे।
संजय ने बताया कि दी गई सूचना के मुताबिक, कानपुर मंडल सूबे का एकमात्र ऐसा मंडल रहा, जहां अनैतिक देह व्यापार की कोई घटना नहीं हुई। जीआरपी मंडल में भी ऐसा कोई अपराध नहीं होने की बात भी संजय को बताई गई है।
अनैतिक देह व्यापार को सभ्य समाज के लिए कलंक बताते हुए संजय ने योगी को अपने अपंजीकृत संगठन 'तहरीर' की ओर से पत्र लिखकर अनैतिक देह व्यापार में लगे लोगों के पुनर्वास के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
--आईएएनएस
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