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छत्तीसगढ: एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई तो प्रसूता को 3 किमी बांस के सहारे ढोया
रायपुर। छत्तीसगढ के कोंडागांव जिले के मर्दापाल के ओलेझरपारा कांगा की रहने वाली जयंती बाई यादव को प्रसव पीडा शुरू हुई। गरीब घर वालों ने 102 नंबर पर फोन लगाकर महतारी एक्सप्रेस को सूचना दे दी। मर्दापाल से एम्बुलेंस लेकर चालक प्रकाश सिंह और आपातकालीन तकनीशियन अजयकुमार निर्मल रवाना हुए।
सामने ही एक नाला था, पार जाना लगभग असंभव था, ऐसे में एंबुलेंस कर्मियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए नाले के किनारे गाडी रोककर दोनों पैदल ऊबड-खाबड रास्ते पर 3 किलोमीटर का सफर तय कर ओलेझरपारा गांव पहुंचे। वहां से कुर्सी पर प्रसूता महिला को बैठाकर उसे रस्सियों के सहारे बांस में बांधा और कंधे पर लादकर पैदल ही एम्बुलेंस की ओर निकल पडे।
सामने ही एक नाला था, पार जाना लगभग असंभव था, ऐसे में एंबुलेंस कर्मियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए नाले के किनारे गाडी रोककर दोनों पैदल ऊबड-खाबड रास्ते पर 3 किलोमीटर का सफर तय कर ओलेझरपारा गांव पहुंचे। वहां से कुर्सी पर प्रसूता महिला को बैठाकर उसे रस्सियों के सहारे बांस में बांधा और कंधे पर लादकर पैदल ही एम्बुलेंस की ओर निकल पडे।
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