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प्रदूषण अब नहीं बनेगा जान का दुश्मन , श्रवण ने तैयार किया डिवाइस
नूंह। स्मॉग ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया हो, लेकिन
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 70 किलोमीटर दूरी पर बसे नूंह मेवात जिले
के जाट बाहुल्य गांव के मात्र दसवीं कक्षा तक शिक्षित युवक ने एक प्रदूषण
कंट्रोल करने की डिवाइस बनाने का दावा किया है।
दावा ही नहीं उन्होंने भारत सरकार तक इस यंत्र को पहुंचाने की दिशा में भी कदम बढ़ाया है। श्रवण का यह फार्मूला हिट हुआ तो एनसीआर के लोगों को स्मॉग से जल्द ही हमेशा के लिए निजात मिल सकती सकती है। श्रवण ने पहले भी डीजल इंजन और घरों की छतों पर रखी पानी की टंकियों को लेकर कई यंत्र बनाये हैं। देशी इंजीनियर श्रवण कुमार की इस उपलब्धि से नूंह मेवात इलाके का नाम दुनिया भर में रोशन हो सकता है।
नूंह मेवात जिले के छपेडा गांव के 52 वर्षीय युवक ने प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस बनाया है। जिससे पर्यावरण में फैल रहे प्रदूषण को कम किया जा सकता है। मेवात जिले के छपेड़ा गांव के श्रवण नाम के युवक ने 52 वर्ष की उम्र में मोटरसाइकिल से लेकर रेल के इंजन से निकलने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस बनाई है। श्रवण कुमार ने गत 1983 में छपेड़ा गांव से ही दसवीं की पढ़ाई की थी। श्रवण गांव में ही कृषि करता है। कृषि से संबंध रखने वाले श्रवण ने 2002 से नए - नए उपकरण बनाने शुरू कर दिए थे। श्रवण कम पढ़ा लिखा होने के बावजूद अच्छे पढ़े लिखे इंजीनियरों के हुनर पर भारी पड़ता है। श्रवण का कहना है कि वह पुराने उपकरणों को यूज़ करके नए उपकरण बनाता है।
श्रवण कुमार ने बताया कि जब दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग चल रहा था, तो उस समय उसके दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों ना गाड़ियों से निकलने वाले जानलेवा प्रदूषण को खत्म किया जाए और लोगों को स्मॉग जैसी समस्या से निजात दिलाई जाए , तो तभी से ही उसने गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण पर काम करना शुरू कर दिया। कई महीने की कड़ी मेहनत और लग्न से आज श्रवण ने ऐसा यंत्र बनाया है, जो गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण को डिवाइस गर्मी को नियंत्रण करके उसे खत्म कर देता है और पर्यावरण में स्वस्थ वातावरण देता है। इससे पहले श्रवण ने डीजल इंजन के पानी से संबंधित यंत्र को बनाया।
यह यंत्र इंजन से निकलने वाले धुएं को अपने अंदर लेता है तथा पानी में गाड़ियों से निकलने वाले काले धुंए के कणों को समेट लेता है। देशी इंजीनियर श्रवण ने बताया कि जो यंत्र उसने बनाया है , उसका नाम स्मॉग कंट्रोल डिवाइस रखा है। श्रवण कुमार ने बताया कि खास बात यह है कि इस यंत्र में जो पानी होता है , वह आप किसी प्रकार का भी ले सकते हैं। उस पानी में जो प्रदूषण के कण होते हैं , वह घुल जाते हैं और उस पानी के द्वारा जब साइलेंसर से बाहर निकलता है तो वह वशीकरण का काम करता है। श्रवण ने कहा कि यह यंत्र मोटरसाइकिल से लेकर रेल के इंजन पर भी लगा सकते हैं। इसका नाम प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस रखा है, यह पेटेंट भारत सरकार को भेजा है। सरकार इस पेटेंट को मंजूरी दे देती है , तो गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण से हमें काफी राहत मिल सकती है।
दावा ही नहीं उन्होंने भारत सरकार तक इस यंत्र को पहुंचाने की दिशा में भी कदम बढ़ाया है। श्रवण का यह फार्मूला हिट हुआ तो एनसीआर के लोगों को स्मॉग से जल्द ही हमेशा के लिए निजात मिल सकती सकती है। श्रवण ने पहले भी डीजल इंजन और घरों की छतों पर रखी पानी की टंकियों को लेकर कई यंत्र बनाये हैं। देशी इंजीनियर श्रवण कुमार की इस उपलब्धि से नूंह मेवात इलाके का नाम दुनिया भर में रोशन हो सकता है।
नूंह मेवात जिले के छपेडा गांव के 52 वर्षीय युवक ने प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस बनाया है। जिससे पर्यावरण में फैल रहे प्रदूषण को कम किया जा सकता है। मेवात जिले के छपेड़ा गांव के श्रवण नाम के युवक ने 52 वर्ष की उम्र में मोटरसाइकिल से लेकर रेल के इंजन से निकलने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस बनाई है। श्रवण कुमार ने गत 1983 में छपेड़ा गांव से ही दसवीं की पढ़ाई की थी। श्रवण गांव में ही कृषि करता है। कृषि से संबंध रखने वाले श्रवण ने 2002 से नए - नए उपकरण बनाने शुरू कर दिए थे। श्रवण कम पढ़ा लिखा होने के बावजूद अच्छे पढ़े लिखे इंजीनियरों के हुनर पर भारी पड़ता है। श्रवण का कहना है कि वह पुराने उपकरणों को यूज़ करके नए उपकरण बनाता है।
श्रवण कुमार ने बताया कि जब दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग चल रहा था, तो उस समय उसके दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों ना गाड़ियों से निकलने वाले जानलेवा प्रदूषण को खत्म किया जाए और लोगों को स्मॉग जैसी समस्या से निजात दिलाई जाए , तो तभी से ही उसने गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण पर काम करना शुरू कर दिया। कई महीने की कड़ी मेहनत और लग्न से आज श्रवण ने ऐसा यंत्र बनाया है, जो गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण को डिवाइस गर्मी को नियंत्रण करके उसे खत्म कर देता है और पर्यावरण में स्वस्थ वातावरण देता है। इससे पहले श्रवण ने डीजल इंजन के पानी से संबंधित यंत्र को बनाया।
यह यंत्र इंजन से निकलने वाले धुएं को अपने अंदर लेता है तथा पानी में गाड़ियों से निकलने वाले काले धुंए के कणों को समेट लेता है। देशी इंजीनियर श्रवण ने बताया कि जो यंत्र उसने बनाया है , उसका नाम स्मॉग कंट्रोल डिवाइस रखा है। श्रवण कुमार ने बताया कि खास बात यह है कि इस यंत्र में जो पानी होता है , वह आप किसी प्रकार का भी ले सकते हैं। उस पानी में जो प्रदूषण के कण होते हैं , वह घुल जाते हैं और उस पानी के द्वारा जब साइलेंसर से बाहर निकलता है तो वह वशीकरण का काम करता है। श्रवण ने कहा कि यह यंत्र मोटरसाइकिल से लेकर रेल के इंजन पर भी लगा सकते हैं। इसका नाम प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस रखा है, यह पेटेंट भारत सरकार को भेजा है। सरकार इस पेटेंट को मंजूरी दे देती है , तो गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण से हमें काफी राहत मिल सकती है।
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