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PNB घोटाला : ED के रडार पर 200 फर्जी कंपनियां, 15 शहरों में 45 जगह छापे
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच तेज हो गई है। सूत्रों का कहना है कि अन्य बैंकों के अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं। जिन बैंकों की विदेशी शाखाओं से पीएनबी के धोखाधड़ी वाले साख पत्रों (एलओयू) के जरिये कर्ज दिया गया उनके अधिकारी भी जांच के घेरे में आ गये हैं। सूत्रों की मानें तो करीब 200 कंपनियां जांच के रडार पर हैं। आशंका जताई जा रही है कि ये 200 कंपनियां फर्जी हो सकती है। फिलहाल, अभी इस मामले की ईडी जांच कर रहा है। नीरव मोदी ने 200 फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल कथित धोखाधड़ी के हिस्से के रूप में धन को भेजने या हासिल करने में किया जाता था। अब ईडी और आयकर विभाग ने अपनी जांच को 200 डमी या मुखौटा कंपनियों पर ध्यान केंद्रित किया है।
इसी सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को देश के 15 शहरों की 45 जगहों की तलाशी ली। बेंगलुरु में 10 जगहों पर, दिल्ली में सात जगहों पर, कोलकाता और मुंबई में पांच-पांच जगहों पर, चंडीगढ़ और हैदराबाद में चार-चार जगहों पर, पटना और लखनऊ में तीन जगहों पर, अहमदाबाद में दो जगहों पर और चेन्नई व गुवाहाटी में एक-एक जगहों पर एजेंसी ने छापेमारी की। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि गोवा, जयपुर, श्रीनगर और जालंधर में भी इस मामले में छापेमारी की गई है।
दिल्ली में ईडी ने साकेत स्थित एमजीएफ मॉल में गीतांजलि के काउंटर, वसंत कुंज में एंबियंस मॉल, जनकपुरी में गीतांजलि काउंटर शॉपर्स स्टॉप, रजौरी गार्डेन में आरक्यूब, रीगल ज्वेलर्स और द्वारका सेक्टर-11 व रोहिणी में गीतांजलि स्टोर की तलाशी ली। इससे पहले, ईडी ने शुक्रवार और शनिवार को भी 11,300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में देशभर में क्रमश: 35 और 21 ठिकानों पर छापेमारी कर 5,694 करोड़ रुपये मूल्य का हीरा, सोना व जेवरात जब्त किए। अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मुंबई स्थित उसकी कंपनी डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोट्र्स और स्टेलर डायमंड्स के कथित फर्जीवाड़े के उजागर होने पर गुरुवार को ईडी ने धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत प्रथम जांच रपट (एफआईआर) दर्ज कर छापेमारी शुरू की।
यह कार्रवाई नीरव मोदी के खिलाफ 6,498 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बुधवार को दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है। मुंबई के वाल्केश्वर स्थित गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मेहुल चोकसी समेत गीतांजलि समूह की कंपनियों के 10 निदेशकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की। एफआईआर में बैंक के दो पूर्व कर्मियों के भी नाम हैं जिन्हें फर्जी तरीके से लेन-देन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल बताया गया है। इसके अलावा सीबीआई द्वारा 4,886.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में दर्ज एफआईआर में गीतांजलि समूह की तीन कंपनियों के भी नाम हैं।
इसी सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को देश के 15 शहरों की 45 जगहों की तलाशी ली। बेंगलुरु में 10 जगहों पर, दिल्ली में सात जगहों पर, कोलकाता और मुंबई में पांच-पांच जगहों पर, चंडीगढ़ और हैदराबाद में चार-चार जगहों पर, पटना और लखनऊ में तीन जगहों पर, अहमदाबाद में दो जगहों पर और चेन्नई व गुवाहाटी में एक-एक जगहों पर एजेंसी ने छापेमारी की। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि गोवा, जयपुर, श्रीनगर और जालंधर में भी इस मामले में छापेमारी की गई है।
दिल्ली में ईडी ने साकेत स्थित एमजीएफ मॉल में गीतांजलि के काउंटर, वसंत कुंज में एंबियंस मॉल, जनकपुरी में गीतांजलि काउंटर शॉपर्स स्टॉप, रजौरी गार्डेन में आरक्यूब, रीगल ज्वेलर्स और द्वारका सेक्टर-11 व रोहिणी में गीतांजलि स्टोर की तलाशी ली। इससे पहले, ईडी ने शुक्रवार और शनिवार को भी 11,300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में देशभर में क्रमश: 35 और 21 ठिकानों पर छापेमारी कर 5,694 करोड़ रुपये मूल्य का हीरा, सोना व जेवरात जब्त किए। अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मुंबई स्थित उसकी कंपनी डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोट्र्स और स्टेलर डायमंड्स के कथित फर्जीवाड़े के उजागर होने पर गुरुवार को ईडी ने धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत प्रथम जांच रपट (एफआईआर) दर्ज कर छापेमारी शुरू की।
यह कार्रवाई नीरव मोदी के खिलाफ 6,498 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बुधवार को दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है। मुंबई के वाल्केश्वर स्थित गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मेहुल चोकसी समेत गीतांजलि समूह की कंपनियों के 10 निदेशकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की। एफआईआर में बैंक के दो पूर्व कर्मियों के भी नाम हैं जिन्हें फर्जी तरीके से लेन-देन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल बताया गया है। इसके अलावा सीबीआई द्वारा 4,886.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में दर्ज एफआईआर में गीतांजलि समूह की तीन कंपनियों के भी नाम हैं।
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