Advertisement
पाकिस्तान के 4 महीने के बच्चे को नोएडा अस्पताल में मिली नई जिंदगी
नोएडा | पाकिस्तान के लाहौर के एक चार
महीने के बच्चे को एक नए जीवन का आशीर्वाद मिला। डॉक्टरों ने यहां एक
दुर्लभ हृदय रोग का सफलतापूर्वक इलाज कर उसे नई जिंदगी दी।
बच्चा रोहान जब पांच दिन का था तभी उसे हाइपोप्लास्टिक लेफ्ट हार्ट
सिंड्रोम (एचएलएचएस) जैसा खतरनाक रोग हो गया। यह हृदय रोग ऐसा है जो भ्रूण
के विकसित होने के साथ-साथ हृदय के माध्यम से सामान्य रक्त प्रवाह को
प्रभावित करता है।
उसके माता-पिता ने चिकित्सा वीजा प्राप्त करने के लिए ट्विटर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से संपर्क किया था।
रोहान को पाकिस्तान से जेपी अस्पताल लाया गया, जब वह सिर्फ एक महीने का था और उसका वजन मात्र 2.1 किलोग्राम था।
जेपी अस्पताल के बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक राजेश शर्मा ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "रोहान दुर्लभ जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था, उसका जीवन खतरे में था क्योंकि उसके बाईं ओर का दिल अविकसित था।"
शर्मा ने कहा, "उसके फेफड़ों में दबाव बहुत तेजी से ऊपर जा रहा था। पहले महीने से रोहान लंबी लंबी सांसें ले रहा था और उसका वजन नहीं बढ़ रहा था।"
कुछ दिनों बाद चिकित्सकों ने 10 घंटे की सर्जरी के बाद, बच्चे को आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया। जहां कुछ घंटों के बाद उसका हृदय क्रिया धीमी हो गई और रक्तचाप बिगड़ने लगा।
शर्मा ने समझाया, "बच्चे को पांच दिनों के बाद ईसीएमओ से हटा दिया गया और उसके दिल ने दो-डी प्रतिध्वनि विश्लेषण के अनुसार बेहतर काम करना शुरू कर दिया।"
उसके बाद उसे ट्रॅंचोस्टोमी सुविधा दी गई जिसके बाद जब वह ठीक होने लगा तो 15 दिनों की सर्जरी के बाद सामान्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया था।
शर्मा ने कहा, "1,000 बच्चों में से एक को गंभीर हृदय रोग होता है जिससे रोहान पीड़ित था। वह केवल एक माह का था जब हमने उसका इलाज शुरू किया था लेकिन सर्जरी में पांच से 10 प्रतिशत का खतरा था।"
डॉक्टरों ने कहा, "रोहान अब ठीक हो रहा है और जनवरी में वापस पाकिस्तान जाएगा।"
आईएएनएस
उसके माता-पिता ने चिकित्सा वीजा प्राप्त करने के लिए ट्विटर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से संपर्क किया था।
रोहान को पाकिस्तान से जेपी अस्पताल लाया गया, जब वह सिर्फ एक महीने का था और उसका वजन मात्र 2.1 किलोग्राम था।
जेपी अस्पताल के बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक राजेश शर्मा ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "रोहान दुर्लभ जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था, उसका जीवन खतरे में था क्योंकि उसके बाईं ओर का दिल अविकसित था।"
शर्मा ने कहा, "उसके फेफड़ों में दबाव बहुत तेजी से ऊपर जा रहा था। पहले महीने से रोहान लंबी लंबी सांसें ले रहा था और उसका वजन नहीं बढ़ रहा था।"
कुछ दिनों बाद चिकित्सकों ने 10 घंटे की सर्जरी के बाद, बच्चे को आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया। जहां कुछ घंटों के बाद उसका हृदय क्रिया धीमी हो गई और रक्तचाप बिगड़ने लगा।
शर्मा ने समझाया, "बच्चे को पांच दिनों के बाद ईसीएमओ से हटा दिया गया और उसके दिल ने दो-डी प्रतिध्वनि विश्लेषण के अनुसार बेहतर काम करना शुरू कर दिया।"
उसके बाद उसे ट्रॅंचोस्टोमी सुविधा दी गई जिसके बाद जब वह ठीक होने लगा तो 15 दिनों की सर्जरी के बाद सामान्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया था।
शर्मा ने कहा, "1,000 बच्चों में से एक को गंभीर हृदय रोग होता है जिससे रोहान पीड़ित था। वह केवल एक माह का था जब हमने उसका इलाज शुरू किया था लेकिन सर्जरी में पांच से 10 प्रतिशत का खतरा था।"
डॉक्टरों ने कहा, "रोहान अब ठीक हो रहा है और जनवरी में वापस पाकिस्तान जाएगा।"
आईएएनएस
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
नोएडा
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement