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साहित्यकार, लेखक और चिंतक पद्मश्री मनु शर्मा का निधन
वाराणसी। प्रख्यात साहित्यकार, लेखक और चिंतक पद्मश्री मनु शर्मा का बुधवार सुबह उनके वाराणसी स्थित आवास पर निधन हो गया। वह करीब 89 वर्ष के थे। मनु शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ अभियान के नवरत्नों में शामिल हुए। मनु शर्मा का निधन सुबह करीब पांच बजे उनके पियारी गांव स्थित आवास पर हुआ। वह लम्बे समय से बीमार थे।
उनके निधन से साहित्य एवं कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई। शर्मा आत्मकथा लेखन विधा के जन्मदाता कहे जाते थे।
उन्हें वर्ष 2015 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्हें यश भारती और लोहिया सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।
गौरतलब है कि उनका जन्म 1928 में फैजाबाद जिले के अकबरपुर में हुआ था। उनकी प्रमुख पुस्तकों में तीन प्रश्न, राणा सांगा, छत्रपति, एकलिंक का दीवान ऐतिहासिक उपन्यास हैं।
इसके अलावा मरीचिका, विवशता, लक्ष्मण रेखा, गांधी लोटे, सामाजिक उपान्यास तथा द्रौपदी की आत्मकथा, द्रोण की आत्मकथा, गांधारी की आत्मकथा भी चर्चित रचनाएं हैं।
--आईएएनएस
उनके निधन से साहित्य एवं कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई। शर्मा आत्मकथा लेखन विधा के जन्मदाता कहे जाते थे।
उन्हें वर्ष 2015 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्हें यश भारती और लोहिया सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।
गौरतलब है कि उनका जन्म 1928 में फैजाबाद जिले के अकबरपुर में हुआ था। उनकी प्रमुख पुस्तकों में तीन प्रश्न, राणा सांगा, छत्रपति, एकलिंक का दीवान ऐतिहासिक उपन्यास हैं।
इसके अलावा मरीचिका, विवशता, लक्ष्मण रेखा, गांधी लोटे, सामाजिक उपान्यास तथा द्रौपदी की आत्मकथा, द्रोण की आत्मकथा, गांधारी की आत्मकथा भी चर्चित रचनाएं हैं।
--आईएएनएस
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