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त्रियुंड जाने वाले पर्यटकों का बायोमीट्रिक से पंजीकरण
धर्मशाला (विजयेन्दर शर्मा)। त्रियुंड जाने वाले पर्यटकों की ऑनलाइन
रजिस्ट्रेशन के लिए वन विभाग ने सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है। विभाग द्वारा
तैयार सॉफ्टवेयर के कारण त्रियुंड आने-जाने वाले पर्यटक अपनी मनमानी नहीं
कर सकेंगे। विभाग की माने तो त्रियुंड ट्रैकिंग के लिए दिन में अब केवल 500
पर्यटकों को ही जाने की अनुमति मिलेगी जबकि 100 के लगभग पर्यटक ही
त्रियुंड में रात्रि ठहराव कर सकेंगे। वन विभाग ने त्रियुंड जाने वाले
पर्यटकों की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर
लिया है।
इसके अतिरिक्त विभाग त्रियुंड में फर्स्ट एड की सुविधा भी टै्रकर्स व पर्यटकों को मुहैया करवाएगा। वन विभाग द्वारा गलू में निर्मित होने वाली चैक पोस्ट और त्रियुंड में फस्र्ट एड सैंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त ट्रैकिंग रूट के मध्य में भी पर्यटकों को फर्स्ट एड सुविधा उपलब्ध करवाने की योजना है। रास्ता भटकने या अन्य किसी समस्या से पर्यटकों के लिए रेस्क्यू टीमें किसी भी समस्या के समय मौके पर पहुंचकर सहायता उपलब्ध करवाएंगी। पर्यटकों को हुड़दंग से रोकने के लिए विभाग द्वारा वालंटियर्स की टीम तैयार करने तथा गंदगी फैलाने पर जुर्माना लगाने की भी योजना है।
विभाग द्वारा त्रियुंड में पर्यटकों के लिए बनाई गई इस योजना के लिए वन विभाग चालू वित्त वर्ष में शुरू करेगा। त्रियुंड के लिए तैयार की गई योजना को वन विभाग ने 2 चरणों में अमलीजामा पहनाने का निर्णय लिया है। हालांकि उक्त कार्य प्रथम चरण में पूरे किए जाएंगे। दूसरे चरण में विभाग द्वारा आधार ङ्क्षलग के तहत पर्यटकों का पंजीकरण करने की योजना है। क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से नजर रखने के लिए भी विभाग द्वारा योजना बनाई जा रही है। दूसरे चरण में विभाग द्वारा ट्रैकिंग पर जाने वाले पर्यटकों को जियो टैङ्क्षगग बैंड भी देने की योजना है, जिससे कि पर्यटकों की लोकेशन का पता विभाग को चल जाएगा।
धर्मशाला के रमणीक पर्यटक स्थल त्रियुंड में चैक पोस्ट पर बायोमीट्रिक से पर्यटकों के पंजीकरण की व्यवस्था विभाग करने जा रहा है, वहीं त्रियुंड ट्रैकिंग रूट के लिए गलू में टूरिस्ट चैक पोस्ट तैयार होने के बाद वन विभाग ने इस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया है। चैक पोस्ट में पर्यटकों का पंजीकरण भी बायोमीट्रिक मशीन से किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त विभाग त्रियुंड में फर्स्ट एड की सुविधा भी टै्रकर्स व पर्यटकों को मुहैया करवाएगा। वन विभाग द्वारा गलू में निर्मित होने वाली चैक पोस्ट और त्रियुंड में फस्र्ट एड सैंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त ट्रैकिंग रूट के मध्य में भी पर्यटकों को फर्स्ट एड सुविधा उपलब्ध करवाने की योजना है। रास्ता भटकने या अन्य किसी समस्या से पर्यटकों के लिए रेस्क्यू टीमें किसी भी समस्या के समय मौके पर पहुंचकर सहायता उपलब्ध करवाएंगी। पर्यटकों को हुड़दंग से रोकने के लिए विभाग द्वारा वालंटियर्स की टीम तैयार करने तथा गंदगी फैलाने पर जुर्माना लगाने की भी योजना है।
विभाग द्वारा त्रियुंड में पर्यटकों के लिए बनाई गई इस योजना के लिए वन विभाग चालू वित्त वर्ष में शुरू करेगा। त्रियुंड के लिए तैयार की गई योजना को वन विभाग ने 2 चरणों में अमलीजामा पहनाने का निर्णय लिया है। हालांकि उक्त कार्य प्रथम चरण में पूरे किए जाएंगे। दूसरे चरण में विभाग द्वारा आधार ङ्क्षलग के तहत पर्यटकों का पंजीकरण करने की योजना है। क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से नजर रखने के लिए भी विभाग द्वारा योजना बनाई जा रही है। दूसरे चरण में विभाग द्वारा ट्रैकिंग पर जाने वाले पर्यटकों को जियो टैङ्क्षगग बैंड भी देने की योजना है, जिससे कि पर्यटकों की लोकेशन का पता विभाग को चल जाएगा।
धर्मशाला के रमणीक पर्यटक स्थल त्रियुंड में चैक पोस्ट पर बायोमीट्रिक से पर्यटकों के पंजीकरण की व्यवस्था विभाग करने जा रहा है, वहीं त्रियुंड ट्रैकिंग रूट के लिए गलू में टूरिस्ट चैक पोस्ट तैयार होने के बाद वन विभाग ने इस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया है। चैक पोस्ट में पर्यटकों का पंजीकरण भी बायोमीट्रिक मशीन से किया जाएगा।
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