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खेत पर माता-पिता को खाना देकर लौट रहे थी, दो बहने-भाई, गड्डे में गिरने से मौत
कपूरथला।
खेत पर काम कर रहे माता पिता को खाना देकर लौट रहे दो बहनों और एक भाई की
अचानक गड्डे में गिरने से मौत हो गई। यह हादसा सवेरे 11 बजे थाना कोतवाली
में पड़ते गांव लोधीपुर गांव में हुआ। गड्डा एक भट्टे में ईटें बनाने के
लिए खोदा गया था जिसने तीन बच्चों की जान ले ली। पारिवारिक सदस्यों द्वारा
थाना कोतवाली के एसएचओ को सूचना देने पर उन्होंने तीनों बच्चों के शवों को
अपने कब्जे में लेकर कपूरथला सिविल अस्पताल के गृह कक्ष में रखवा दिया।
मौके पर पहुंचे डीएसपी गुरमीत सिंह ने बताया कि गांव लोधीपुर के ईट के भट्टे के नजदीक करीब 6 महीनों से झुग्गियों में जोगिंदर ऋषिकेश अपनी पत्नी खिरवा देवी व चार बच्चों राजा, पुत्री शोभा, गौरी व महावती के साथ रह रहा था। जोगिंदर अपनी पत्नी खिरवा के साथ मिल कर भट्टे के साथ लगती जमीन पर धान की बिजाई कर रहा था। शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे उसका 12 वर्षीय बेटा राजा, 7 वर्षीय शोभा व तीन वर्षीय गौरी अपने माता-पिता को खेतों में खाना देने के लिए गए। जब वह खाना देकर वापस अपनी झुग्गी में लौट रहे थे, तो भट्टे में ईटों के लिए खोदा गया करीब 12 फुट गहरे गड्ढे में बरसात का पानी भरा होने के कारण अचानक तीनों बच्चे गड्ढे में गिर गए। बच्चों ने खुद को बचाने के लिए कई हाथ-पैर मारे, तो पास ही झुग्गी में बैठी उनकी बहन 5वर्षीय महावती ने उन्हें देख लिया और अपने भाई-बहनों को बचाने के लिए जल्द उनके पास पहुंची। इसी बीच महावती ने चिल्लाना शुरू कर दिया। जब जोगिंदर व उसकी पत्नी खिरवा और अन्य मजदूरों ने बच्ची की चिल्लाने की आवाज सुनी तो वह दौड़ कर उसके पास आए।
तब तक तीनों बच्चे गड्ढे में पूरी तरह डूब चुके थे। जब बच्चों को गड्ढे से बाहर निकाला, तो उनकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना थाना कोतवाली के एसएचओ हरगुरदेव सिंह को मिली तो वह अपनी पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे। तो उन्होंने तीनों बच्चों के शवों को अपने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल के गृह कक्ष में रखवा दिया। पुलिस ने 174 की कार्यवाही कर रही है। फिलहाल अभी मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया।
मौके पर पहुंचे डीएसपी गुरमीत सिंह ने बताया कि गांव लोधीपुर के ईट के भट्टे के नजदीक करीब 6 महीनों से झुग्गियों में जोगिंदर ऋषिकेश अपनी पत्नी खिरवा देवी व चार बच्चों राजा, पुत्री शोभा, गौरी व महावती के साथ रह रहा था। जोगिंदर अपनी पत्नी खिरवा के साथ मिल कर भट्टे के साथ लगती जमीन पर धान की बिजाई कर रहा था। शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे उसका 12 वर्षीय बेटा राजा, 7 वर्षीय शोभा व तीन वर्षीय गौरी अपने माता-पिता को खेतों में खाना देने के लिए गए। जब वह खाना देकर वापस अपनी झुग्गी में लौट रहे थे, तो भट्टे में ईटों के लिए खोदा गया करीब 12 फुट गहरे गड्ढे में बरसात का पानी भरा होने के कारण अचानक तीनों बच्चे गड्ढे में गिर गए। बच्चों ने खुद को बचाने के लिए कई हाथ-पैर मारे, तो पास ही झुग्गी में बैठी उनकी बहन 5वर्षीय महावती ने उन्हें देख लिया और अपने भाई-बहनों को बचाने के लिए जल्द उनके पास पहुंची। इसी बीच महावती ने चिल्लाना शुरू कर दिया। जब जोगिंदर व उसकी पत्नी खिरवा और अन्य मजदूरों ने बच्ची की चिल्लाने की आवाज सुनी तो वह दौड़ कर उसके पास आए।
तब तक तीनों बच्चे गड्ढे में पूरी तरह डूब चुके थे। जब बच्चों को गड्ढे से बाहर निकाला, तो उनकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना थाना कोतवाली के एसएचओ हरगुरदेव सिंह को मिली तो वह अपनी पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे। तो उन्होंने तीनों बच्चों के शवों को अपने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल के गृह कक्ष में रखवा दिया। पुलिस ने 174 की कार्यवाही कर रही है। फिलहाल अभी मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया।
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कपूरथला
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