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अब महिलाओं की तुरंत मदद कर सकेगा, सखी सेवा केन्द्र, सेवाएं और बेहतर होगी
करनाल। महिला
एवं बाल विकास विभाग के करनाल स्थित वन स्टॉप सैंटर सखी यानि एकल सेवा
केन्द्र में जिला प्रशासन के प्रयासों से एक वाहन उपलब्ध करवाया गया है। इससे
सेवाएं बेहतर होंगी। वन स्टॉप सैंटर का उद्देश्य पीडि़त महिला से जुड़े किसी गम्भीर केस में सूचना मिलने वाहन का उपयोग किया जाए । पीडित की तुरंत सहायता की जाए।
महिलाओं पर होने वाले अपराधों की रोकथाम और पीडि़त महिलाओं की सहायता करने के उद्देश्य से करनाल में अगस्त 2015 में हरियाणा का पहला वन स्टॉप सैंटर खोला गया था, जो सुचारू रूप से अपना कार्य कर रहा है। इसके बाद प्रदेश के भिवानी, नारनौल, हिसार, रेवाड़ी व फरीदाबाद में इस तरह के सैंटर खुले। एक अनुमान के अनुसार देश में ऐसे सैंटरों की संख्या लगभग 166 है। उन्होने बताया कि करनाल स्थित वन स्टॉप सैंटर में पीडि़त महिलाओं को चिकित्सा, मानसिक-सामाजिक परामर्श, कानूनी सलाह, 5 दिन के लिए सैंटर में संरक्षण व खान-पान की सुविधा तथा पीडि़त मामले में दोषी व्यक्ति की एफ.आई.आर. दर्ज करवाने जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
केन्द्र इंचार्ज सीमा रानी ने बताया कि करनाल सैंटर में अब तक 523 मामलों में पीडि़त महिलाओं की सहायता की गई है। इनमें घरेलू हिंसा के 219, घर से भाग जाने के 214, बच्चों से जुड़े भीख मांगने व पोस्को एक्ट के 13, अपहरण के 2, गुमशुदगी के 54, बलात्कार के 8, महिला तस्करी के 7, बाल विवाह के 3, साईबर क्राईम का 1 तथा दहेज उत्पीडऩ के 2 मामले शामिल हैं। महिला आश्रम परिसर में स्थित वन स्टॉफ सैंटर के नए भवन और उसमें उपलब्ध सुविधाओं से अब यहां की सेवाएं ओर बेहतर हो पाई हैं। उन्होने बताया कि उपरोक्त मामलों में दूसरे जिलों से भी 52 और दूसरों राज्यों से 46 पीडि़त महिलाओं के मामले यहां प्राप्त हुए, जिनमें तुरंत सहायता उपलब्ध करवाई गई।
नए वाहन की सुविधा प्राप्त हो जाने से वन स्टॉफ सैंटर का स्टाफ खुश दिखाई दिया। सीमा रानी से बताया कि सैंटर में जरूरत के समय पर नीड एंड केयर को लेकर पीडि़त महिलाओं और बच्चों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए वाहन बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। कई बार दूसरों जिलों में भी जाना जरूरी हो जाता है। उन्होने यह भी बताया कि कोई भी पीडि़त महिला जो स्वयं किसी कारण से वन स्टॉप सैंटर में आने के लिए असमर्थ हो, वह 0184-2272121 पर फोन करके सहायता ले सकती है, उसे तुरंत सहायता मुहैया करवाई जाएगी। ऐसे मामलों में एक महिला कॉन्स्टेबल भी साथ हो, इसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक से अनुरोध करके व्यवस्था करवाएंगे।
महिलाओं पर होने वाले अपराधों की रोकथाम और पीडि़त महिलाओं की सहायता करने के उद्देश्य से करनाल में अगस्त 2015 में हरियाणा का पहला वन स्टॉप सैंटर खोला गया था, जो सुचारू रूप से अपना कार्य कर रहा है। इसके बाद प्रदेश के भिवानी, नारनौल, हिसार, रेवाड़ी व फरीदाबाद में इस तरह के सैंटर खुले। एक अनुमान के अनुसार देश में ऐसे सैंटरों की संख्या लगभग 166 है। उन्होने बताया कि करनाल स्थित वन स्टॉप सैंटर में पीडि़त महिलाओं को चिकित्सा, मानसिक-सामाजिक परामर्श, कानूनी सलाह, 5 दिन के लिए सैंटर में संरक्षण व खान-पान की सुविधा तथा पीडि़त मामले में दोषी व्यक्ति की एफ.आई.आर. दर्ज करवाने जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
केन्द्र इंचार्ज सीमा रानी ने बताया कि करनाल सैंटर में अब तक 523 मामलों में पीडि़त महिलाओं की सहायता की गई है। इनमें घरेलू हिंसा के 219, घर से भाग जाने के 214, बच्चों से जुड़े भीख मांगने व पोस्को एक्ट के 13, अपहरण के 2, गुमशुदगी के 54, बलात्कार के 8, महिला तस्करी के 7, बाल विवाह के 3, साईबर क्राईम का 1 तथा दहेज उत्पीडऩ के 2 मामले शामिल हैं। महिला आश्रम परिसर में स्थित वन स्टॉफ सैंटर के नए भवन और उसमें उपलब्ध सुविधाओं से अब यहां की सेवाएं ओर बेहतर हो पाई हैं। उन्होने बताया कि उपरोक्त मामलों में दूसरे जिलों से भी 52 और दूसरों राज्यों से 46 पीडि़त महिलाओं के मामले यहां प्राप्त हुए, जिनमें तुरंत सहायता उपलब्ध करवाई गई।
नए वाहन की सुविधा प्राप्त हो जाने से वन स्टॉफ सैंटर का स्टाफ खुश दिखाई दिया। सीमा रानी से बताया कि सैंटर में जरूरत के समय पर नीड एंड केयर को लेकर पीडि़त महिलाओं और बच्चों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए वाहन बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। कई बार दूसरों जिलों में भी जाना जरूरी हो जाता है। उन्होने यह भी बताया कि कोई भी पीडि़त महिला जो स्वयं किसी कारण से वन स्टॉप सैंटर में आने के लिए असमर्थ हो, वह 0184-2272121 पर फोन करके सहायता ले सकती है, उसे तुरंत सहायता मुहैया करवाई जाएगी। ऐसे मामलों में एक महिला कॉन्स्टेबल भी साथ हो, इसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक से अनुरोध करके व्यवस्था करवाएंगे।
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