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उद्धव अपना मुंह बंद रखें, वरना सब खुलासा कर दूंगा : नारायण राणे
सांगली(महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने शनिवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को अपना मुंह बंद रखने के लिए कहा और साथ ही ऐसा नहीं करने की स्थिति में सबकुछ खुलासा कर देने की धमकी दी और कहा कि इसके परिणाम उन्हें भुगतने पड़ेंगे।
राणे ने चेतावनी देते हुए ठाकरे के आरोप से इंकार किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि राणे ने दिवंगत बाला साहेब ठाकरे का उत्पीडऩ किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी आंखों से देखा है कि कैसे उद्धव व उनके परिवार ने बाला साहेब को उत्पीडि़त किया है। अगर वह अपना मुंह बंद नहीं रखेंगे और मेरे विरुद्ध षड्यंत्र करेंगे तो मैं उन्हें बदनाम करने में संकोच नहीं करूंगा।’’
राणे ने कहा, ‘‘जब बाला साहेब जिंदा थे, मैंने किसी भी तरह से उन्हें मुश्किल में नहीं डाला। मैं उनके घर में हो रही सभी गतिविधि का गवाह रहा हूं और मैं सच में सबकुछ खुलासा कर दूंगा। उनके आरोप गलत हैं और मैंने पहले भी यह कहा है।’’ उन्होंने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब शिवसेना कथित रूप से सत्तारूढ़ भाजपा पर दबाव बना रही है कि राणे को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाए।
राणे ने इस वर्ष सितंबर में कांग्रेस छोडक़र महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी बना ली थी और केंद्र व राज्य में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के साथ गठबंधन कर लिया था। दोनों पार्टियों के बीच बनी सहमति के आधार पर उन्हें हालिया विधान परिषद के उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया जाना था और उसके बाद देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना था।
राणे ने चेतावनी देते हुए ठाकरे के आरोप से इंकार किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि राणे ने दिवंगत बाला साहेब ठाकरे का उत्पीडऩ किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी आंखों से देखा है कि कैसे उद्धव व उनके परिवार ने बाला साहेब को उत्पीडि़त किया है। अगर वह अपना मुंह बंद नहीं रखेंगे और मेरे विरुद्ध षड्यंत्र करेंगे तो मैं उन्हें बदनाम करने में संकोच नहीं करूंगा।’’
राणे ने कहा, ‘‘जब बाला साहेब जिंदा थे, मैंने किसी भी तरह से उन्हें मुश्किल में नहीं डाला। मैं उनके घर में हो रही सभी गतिविधि का गवाह रहा हूं और मैं सच में सबकुछ खुलासा कर दूंगा। उनके आरोप गलत हैं और मैंने पहले भी यह कहा है।’’ उन्होंने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब शिवसेना कथित रूप से सत्तारूढ़ भाजपा पर दबाव बना रही है कि राणे को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाए।
राणे ने इस वर्ष सितंबर में कांग्रेस छोडक़र महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी बना ली थी और केंद्र व राज्य में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के साथ गठबंधन कर लिया था। दोनों पार्टियों के बीच बनी सहमति के आधार पर उन्हें हालिया विधान परिषद के उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया जाना था और उसके बाद देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना था।
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