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मुलायम को झटका: ECने साइकिल दी अखिलेश को: अब कांग्रेस से गठजोड!
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव चिन्ह साइकिल पर अखिलेश यादव का
हक है। आयोग ने अखिलेश को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष माना है।
ये फैसला आयोग ने सोमवार को दिया है।
आयोग ने 40 पेज का अपना फैसला सुनाया है। फैसले के अनुसार अखिलेश यादव के पास विधायी सत्ता है व विधायकों का समर्थन प्राप्त है।चुनाव आयोग ने माना कि 200 विधायक, एमएलसी अखिलेश गुट में हैं तथा 5000 कार्यकर्ताओं के हलफनामे दिए गए हैं। इस तरह मुलायम का ये दावा कमजोर पड गया कि पार्टी उन्होंने बनाई है व चिन्ह पर भी उनका ही हक है।
यूपी चुनाव के लिए मंगलवार से परचे भरे जाएंगे व अब तय है कि अखिलेश गुट ने जिन लोगों को प्रत्याशी घोषित किया है वे साइकिल चुनाव चिन्ह पाएंगे।
मुलायम सिंह यादव को गत दिनों एक विशेष अधिवेशन में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बेदखल करने का ऎलान करने वाले राज्यसभा सांसद व मुलायम के भाई रामगोपाल यादव ने इस फैसले का स्वागत किया है व चुनाव आयोग का आभार जताया है।
इस फैसले के बाद अखिलेश समर्थकों में भारी उत्साह देखा गया और लोगों ने पार्टी दफ्तर के बाहर जश्न मनाना शुरू कर दिया। अब यह संभावना जताई जा रही है कि शीघ्र ही कांग्रेस के साथ अखिलेश चुनावी गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं।
अटकलें हैं कि अखिलेश की पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव तथा कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा साथ मिलकर चुनाव प्रचार कर सकती हैं। चुनाव आयोग के फैसले के बाद अखिलेश के करीबी रामगोपाल यादव ने भी इस बात के संकेत दिए। रामगोपाल ने मुलायम सिंह यादव पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन के संकेत दे दिये। रामगोपाल ने कांग्रेस के साथ गंठबंधन को लेकर संकेत दिये कि संभव है कि उनके साथ गठबंधन हो। उन्होंने कहा, हां उम्मीद है कि गठबंधन होगा।
इससे पहले सोमवार दिन में मुलायम सिंह ने कहा था कि अखिलेश उनकी एक नहीं सुनते हैं। शुक्रवार को अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के वकीलों ने चुनाव आयोग में अपना अपना पक्ष रखा था।
अखिलेश यादव के वकील कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के आगे दलील दी थी कि पार्टी के संगठन के साथ सांसद, विधायक और एमएलसी अखिलेश के साथ हैं, इसलिए नियमों के अनुसार असली समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही कही जाएगी।
उधर, मुलायम सिंह यादव के वकीलों ने अखिलेश यादव की ओर से पेश किए गए सांसदों और विधायकों के समर्थन के दस्तावेजों पर ही सवाल उठाए थे। साथ ही रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए उस सम्मलेन पर भी सवालिया निशान उठाया गया था, जिसमें अखिलेश को पार्टी सुप्रीमो चुना गया।
इससे पूर्व की लखनऊ की खबर के अनुसार...
समाजवादी पार्टी की ‘साइकिल’ किसी को मिलेगी या इसे फ्रीज कर दिया जाएगा, इस पर चुनाव आयोग का फैसला कुछ ही घंटों में आ सकता है। अखिलेश के प्रति कभी नरम, तो कभी गरम दिखने वाले मुलायम सिंह यादव ने ‘साइकिल’ का फैसला होने से ठीक पहले बेटे के खिलाफ तीखा हमला बोला है। मुलायम ने सोमवार को अखिलेश के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें मुस्लिम विरोधी तक कह दिया। अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए मुलायम ने यह भी कहा कि अखिलेश बीवी-बच्चों की कसम देने पर मिलने आए और बात सुने बिना एक मिनट में ही उठकर चले गए।
लखनऊ में सपा के दफ्तर में मुलायम सिंह पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले, तो कुछ कार्यकर्ता रोते हुए बोले- नेताजी पार्टी बचा लीजिए। इस पर मुलायम ने कहा- मैंने बहुत कोशिश की, अखिलेश मेरी नहीं सुनते।
आयोग ने 40 पेज का अपना फैसला सुनाया है। फैसले के अनुसार अखिलेश यादव के पास विधायी सत्ता है व विधायकों का समर्थन प्राप्त है।चुनाव आयोग ने माना कि 200 विधायक, एमएलसी अखिलेश गुट में हैं तथा 5000 कार्यकर्ताओं के हलफनामे दिए गए हैं। इस तरह मुलायम का ये दावा कमजोर पड गया कि पार्टी उन्होंने बनाई है व चिन्ह पर भी उनका ही हक है।
यूपी चुनाव के लिए मंगलवार से परचे भरे जाएंगे व अब तय है कि अखिलेश गुट ने जिन लोगों को प्रत्याशी घोषित किया है वे साइकिल चुनाव चिन्ह पाएंगे।
मुलायम सिंह यादव को गत दिनों एक विशेष अधिवेशन में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बेदखल करने का ऎलान करने वाले राज्यसभा सांसद व मुलायम के भाई रामगोपाल यादव ने इस फैसले का स्वागत किया है व चुनाव आयोग का आभार जताया है।
इस फैसले के बाद अखिलेश समर्थकों में भारी उत्साह देखा गया और लोगों ने पार्टी दफ्तर के बाहर जश्न मनाना शुरू कर दिया। अब यह संभावना जताई जा रही है कि शीघ्र ही कांग्रेस के साथ अखिलेश चुनावी गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं।
अटकलें हैं कि अखिलेश की पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव तथा कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा साथ मिलकर चुनाव प्रचार कर सकती हैं। चुनाव आयोग के फैसले के बाद अखिलेश के करीबी रामगोपाल यादव ने भी इस बात के संकेत दिए। रामगोपाल ने मुलायम सिंह यादव पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन के संकेत दे दिये। रामगोपाल ने कांग्रेस के साथ गंठबंधन को लेकर संकेत दिये कि संभव है कि उनके साथ गठबंधन हो। उन्होंने कहा, हां उम्मीद है कि गठबंधन होगा।
इससे पहले सोमवार दिन में मुलायम सिंह ने कहा था कि अखिलेश उनकी एक नहीं सुनते हैं। शुक्रवार को अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के वकीलों ने चुनाव आयोग में अपना अपना पक्ष रखा था।
अखिलेश यादव के वकील कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के आगे दलील दी थी कि पार्टी के संगठन के साथ सांसद, विधायक और एमएलसी अखिलेश के साथ हैं, इसलिए नियमों के अनुसार असली समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही कही जाएगी।
उधर, मुलायम सिंह यादव के वकीलों ने अखिलेश यादव की ओर से पेश किए गए सांसदों और विधायकों के समर्थन के दस्तावेजों पर ही सवाल उठाए थे। साथ ही रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए उस सम्मलेन पर भी सवालिया निशान उठाया गया था, जिसमें अखिलेश को पार्टी सुप्रीमो चुना गया।
इससे पूर्व की लखनऊ की खबर के अनुसार...
समाजवादी पार्टी की ‘साइकिल’ किसी को मिलेगी या इसे फ्रीज कर दिया जाएगा, इस पर चुनाव आयोग का फैसला कुछ ही घंटों में आ सकता है। अखिलेश के प्रति कभी नरम, तो कभी गरम दिखने वाले मुलायम सिंह यादव ने ‘साइकिल’ का फैसला होने से ठीक पहले बेटे के खिलाफ तीखा हमला बोला है। मुलायम ने सोमवार को अखिलेश के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें मुस्लिम विरोधी तक कह दिया। अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए मुलायम ने यह भी कहा कि अखिलेश बीवी-बच्चों की कसम देने पर मिलने आए और बात सुने बिना एक मिनट में ही उठकर चले गए।
लखनऊ में सपा के दफ्तर में मुलायम सिंह पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले, तो कुछ कार्यकर्ता रोते हुए बोले- नेताजी पार्टी बचा लीजिए। इस पर मुलायम ने कहा- मैंने बहुत कोशिश की, अखिलेश मेरी नहीं सुनते।
[@ खास खबर EXCLUSIVE: समाजवादी पार्टी की टाइमलाइन, कब और कैसे हुआ विवाद ?]
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