Lucknow girl will end darkness of Sitapur village -m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 17, 2024 4:38 am
Location
Advertisement

सकारात्मक पहल: लखनऊ की बिटिया सीतापुर में खत्म करेगी एक गांव का अंधेरा

khaskhabar.com : रविवार, 02 जुलाई 2017 9:26 PM (IST)
सकारात्मक पहल: लखनऊ की बिटिया सीतापुर में खत्म करेगी एक गांव का अंधेरा
सीतापुर/लखनऊ। राजधानी लखनऊ से थोड़ी दूर पर स्थिति जिला सीतापुर। इस जिले का एक गांव है नेवादा, ब्लाक परसेंडी। यहां के लोगों की सबसे बड़ी समस्या है बिजली का ना होना। यहां के लोगों को मोबाइल चार्च करने के भी दुकानदारों को पैसा देना पड़ता है, क्योंकि इन दुकानदारों ने अपने दुकानों
सौर ऊर्जा से चलने वाले पैनल लगाए हैं। लेकिन अब शायद इस गांव के लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाएगी।


क्योंकि लखनऊ की बिटिया ने एक ऐसा प्रोजेक्ट बनाया है जिसके इस्तेमाल से इस गांव के रहने वाले लोगों को एक पंखा या फिर एलईडी और मोबाइल चार्ज करने में मदद मिलेगी। असल में देश
में मिरनलिनी एकमात्र ऐसी शख्स हैं। जिसे डेविस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। प्रोजेक्ट फॉर पीस में पूरे विश्व से कुल 120 बच्चों को चुना गया है




जिसमें से वह पहली भारतीय छात्रा हैं। डेविस प्रोजेक्ट फॉर पीस अंडर ग्रेजुएट के विद्य़ार्थियों के लिए चलाया जाता है। ताकि स्थानीय स्तर पर होने वाले विवादों को आसानी से दूर किया जा सके। इसके लिए मिरनलिनी को डेनिसन यूनिवर्सिटी के जरिए सवेरा प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है।


लखनऊ सीएमएस से हाईस्कूल और जीडी गोयनका स्कूल से इंटरमीडिएट करने वाली मिरनलिनी ने नेवादा के लिए जो प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके तहत यहां के रहने वाले लोगों को एक सौलर पैनल दिया जाएगा। जिसके तहत उसे 7 वाट की बिजली 12 घंटे तक मिलेगी। इससे वह एक पंखा या फिर एक एलईडी बल्ब आसानी से चला सकेंगे। इस गांव में बिजली न आने के लिए कारण लोगों को मोबाइल चार्च कराने के लिए दुकानों में जाना पड़ता है। इसके लिए इन लोगों को दुकानदार
को पैसा देना पड़ता है।



असल में पहले भी इस गांव में सौलर पैनल के जरिए बिजली देने की कोशिश की गयी थी। लेकिन यह प्रोजेक्ट इतना सफल नहीं रहा। क्योंकि एक तो बैटरी के मैनटनेंस का खर्चा लोगों को देना पड़ता था। जो काफी खर्चीला था और दूसरा स्थानीय स्तर पर एक दूसरे से विवाद के चलते अकसर लोग एक दूसरे की तार को काट दिया करते थे। लिहाजा उन्होंने इसकी एक तरकीब निकाली जिसके तहत लोगों से एक घर से रोजाना पांच रूपया लिया जाएगा और इस पैसे को का एक कोष बनाया जाएगा। जिसे एक साल के बाद बैटरी के मैनटेंनेस के लिए खर्च किया जाएगा। यानी एक साल के बाद किसी को बैटरी के खर्च के लिए पैसा नहीं दिया जाएगा।



राजकीय प्राथमिक विद्यालय,ग्राम नेवादा, ब्लाक परसेंडी, तहसील सीतापुर में डेविस पीस प्रोजेक्ट एवार्ड, यूएसए की प्रेरणा और मताधिकारी संघ, सीतापुर के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में मिरनलिनी ने कहा कि यह एक पाइलट प्रोजेक्ट है और यह प्रोजेक्ट न केवल सीतापुर के नेवादा में शुरू किया जाएगा बल्कि इसे राज्य के कई जिलों में भी शुरू किया जाएगा।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar UP Facebook Page:
Advertisement
Advertisement