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इलाहाबाद में बढ़ते हंगामे के बीच केशव का कार्यक्रम रद्द

khaskhabar.com : शनिवार, 10 फ़रवरी 2018 8:11 PM (IST)
इलाहाबाद में बढ़ते हंगामे के बीच केशव का कार्यक्रम रद्द
अमरीश मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव की घोषणा के बाद इलाहाबाद बुलाए गए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम रद्द हो गया है। केशव के कार्यक्रम के रद्द होने के पीछे जो सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है वह टिकट को लेकर दावेदारों के बीच बढ़ता हंगामा है ।
दरअसल टिकट के दावेदारों ने केशव मौर्य के आवास पर भीड़ लगानी शुरू कर दी है यह तो पहले से तय है कि केशव मौर्य ही अपना उत्तराधिकारी चुनेंगे। ऐसे में हर कोई अपना दमखम दिखाने के लिए केशव के समक्ष उपस्थित होना चाहता है, लेकिन बढ़ते विवाद को थामने के लिए केंद्रीय बोर्ड ने केशव मौर्य को लखनऊ में ही रोक दिया है और दावेदारों के नामों की सूची मांगी गई है । संभावना है कि लखनऊ में ही टिकट किसे दिया जाएगा इसका फैसला हो जाएगा।
केशव की पत्नी व बेटे का नाम

वहीं केशव मौर्य की पत्नी राजकुमारी मौर्य और बेटे योगेश मौर्या को टिकट दिए जाने की बातें पूरे चरम पर है, जिलाध्यक्ष से लेकर तमाम बड़े नेताओं ने इन दोनों नामों पर सहमति जताई है और हर तरफ इन दोनों नामों की चर्चा हो रही है। सूत्रों की मानें तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी चाहता है कि पहली बार फूलपुर में कमल खिलाने वाले केशव मौर्य के परिवार से ही कोई चुनाव लड़े ताकि यह सीट किसी भी कीमत पर हाथ से न फिसलने पाए, लेकिन परिवारवाद के मुद्दे पर कहीं ना कहीं शीर्ष नेतृत्व भी हिचक रहा है। इसी कारण एकाएक नाम की घोषणा के बजाय केशव को लखनऊ में ही मंत्रणा के लिए रोक लिया गया है। फिलहाल सियासत में बढ़ रहे नामों पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं परिवारवाद के खिलाफ हूं और मेरे परिवार से कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगा। हालांकि केशव का बयान तब तक चरितार्थ होने के लिये परखा जायेगा। जब तक की यह पूरी तरह से स्पष्ट न हो जाये कि भाजपा की ओर से उपचुनाव के लिए किसके नाम की घोषणा गई।
दावेदारों की लंबी लाईन

फिलहाल केशव मौर्य के नजदीकी दया पाठक का नाम भी खूब सुर्खियां में है और पार्टी के शीर्ष नेता यह बता रहे हैं कि दया पाठक को केशव का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है। हालांकि ब्राह्मण कैंडिडेट पर भाजपा क्या कुर्मी बहुल इलाके में दांव खेलेगी यह देखने वाला विषय होगा। क्योंकि फूलपुर लोकसभा क्षेत्र कुर्मी बहुल क्षेत्र है ऐसे में यहां जातिगत गणित को साधना भाजपा के लिए आवश्यक होगा।

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