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व्हाट्सएप पर वायरल मैसेज ने बदल दी अपाहिज मुंशीराम जाटव की जिंदगी
करौली। सोशल मीडिया
आज लोगों की
मदद के लिए
खुलकर आगे आया
है। सोशल मीडिया
जरूरतमंद लोगों के लिए
मददगार साबित हो रहा
है। पहले भी
व्हाट्सएप पर बने
ग्रुपों के सदस्य
भी लोगों की
मदद को आगे
आए हैं। यहां
सोशल मीडिया पर
वारयल हुए एक
मैसेज के बाद
अपना घर आश्रम
ने तुरंत पीड़ित
की मदद करने
का बीड़ा उठाया
और आज पीड़ित
की जिंदगी बदल
गई है। कुछ
ऐसा ही हुआ
है हिंडौन सिटी
में मंडावरा ग्राम
पंचायत की ढाणी
कटकरियान का पुरा
में गरीबी व
एक हादसे के
बाद अपाहिज की
जिंदगी जी रहे
मुंशीराम जाटव और
उसके परिवार के
साथ।
व्हाट्सएप ग्रुप में सूचना मिली तो अनजान महिला को खून देने पहुंच गए दुष्यंत शर्मा
मजदूरी करने वाला मुंशीराम जाटव 22 अक्टूबर 2015 की रात घर लौटते समय रास्ते में एक गड्ढे में गिर गया। परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, वहां से जयपुर रेफर किया तो रीढ़ की हड्डी टूट जाने और उपचार में लाखों रुपए खर्च होने की बात पता चली। गरीबी की मार के कारण वह उपचार नहीं करा पाया और घर लौट आया। उसके बाद से झोपड़ीनुमा कच्चे मकान की टूटी चारपाई तक उसकी जिंदगी सिमट गई। वह न उठ सकता है और न बैठ सकता है। हाथ-पैर चलाने में भी असमर्थ हो गया।
ब्राह्मण समाज की मदद के लिए तत्पर है व्हाट्सएप पर बना ‘विप्र बंधु परिवार’ ग्रुप
घर के मुखिया के अपाहिज होने के बाद उसकी पत्नी रीना ने कई बार हिंडौन सिटी के प्रशासन व विभागीय अधिकारियों को सरकारी सहायता की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।
व्हाट्सएप ग्रुप में सूचना मिली तो अनजान महिला को खून देने पहुंच गए दुष्यंत शर्मा
मजदूरी करने वाला मुंशीराम जाटव 22 अक्टूबर 2015 की रात घर लौटते समय रास्ते में एक गड्ढे में गिर गया। परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, वहां से जयपुर रेफर किया तो रीढ़ की हड्डी टूट जाने और उपचार में लाखों रुपए खर्च होने की बात पता चली। गरीबी की मार के कारण वह उपचार नहीं करा पाया और घर लौट आया। उसके बाद से झोपड़ीनुमा कच्चे मकान की टूटी चारपाई तक उसकी जिंदगी सिमट गई। वह न उठ सकता है और न बैठ सकता है। हाथ-पैर चलाने में भी असमर्थ हो गया।
ब्राह्मण समाज की मदद के लिए तत्पर है व्हाट्सएप पर बना ‘विप्र बंधु परिवार’ ग्रुप
घर के मुखिया के अपाहिज होने के बाद उसकी पत्नी रीना ने कई बार हिंडौन सिटी के प्रशासन व विभागीय अधिकारियों को सरकारी सहायता की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।
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