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जोखिमभरा सफर है इस फुटपाथ पर चलना... मुश्किल हो रही है कैलादेवी मेले की राह
अवनीश पाराशर
करौली। उत्तर भारत के प्रसिद्ध कैलादेवी मेले में आने वाले पदयात्रियों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। पदयात्रियों के चलने के लिए तीन साल से बनाई जा रही सड़क अब कहीं दिखाई दे रही तो कहीं गायब ही हो गई है। फुटपाथ अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं। खास बात तो यह है कि करीब 25 किलोमीटर क्षेत्र में चल रहा सड़क और फुटपाथ निर्माण का कार्य तीन वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया है। अब अगले माह कैलादेवी मेला शुरू होने वाला है और पदयात्रियों के लिए परेशानियां पहले की तरह ही रहेंगी।
उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल कैलादेवी के लिए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य राज्यों एवं राजस्थान से पैदल आने वाले लाखों पदयात्रियों को सुविधा के लिए ढाई करोड़ की लागत से बनवाया पैदल मार्ग अतिक्रमण की भेंट चढ़ने और गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं होने के कारण कागजी खानापूर्ति साबित हो रहा है।
प्रतिवर्ष करीब 50 लाख श्रद्धालु पैदल यात्रा कर प्रसिद्ध कैलादेवी तीर्थ स्थल पहुंचते हैं, लेकिन सड़क की चौड़ाई कम होने से यात्रियों को परेशानी होती है। इस कारण वर्ष 2014 में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने करौली के गंगापुर सिटी मोड़ से कैलादेवी तक ऐसे पदयात्रियों के चलने के लिए करीब ढाई करोड़ की लागत से अलग से पदमार्ग बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद माह दिसंबर 2014 में कार्य शुरू हुआ, जो मार्च 2015 में पूरा होना था। हालत यह है कि अभी तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इसके अलावा जो कार्य हुआ है, वह घटिया स्तर का होने से कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया है। यह पैदल मार्ग लोगों के घरों व दुकानों से होकर निकल रहा है। ऐसे में लोगों ने उस पर वापस निर्माण करा दिया है तो कई स्थानों पर लोगों ने अवैध निर्माण हटाए ही नहीं हैं। इस कारण इस मार्ग की उपयोगिता ही नहीं रही। वहीं कई स्थानों पर पेड़ आ जाने से निर्माण नहीं हो पाया है।
समय पर प्रशासन चेता तो बच सकते हैं परेशानियों से
करौली। उत्तर भारत के प्रसिद्ध कैलादेवी मेले में आने वाले पदयात्रियों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। पदयात्रियों के चलने के लिए तीन साल से बनाई जा रही सड़क अब कहीं दिखाई दे रही तो कहीं गायब ही हो गई है। फुटपाथ अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं। खास बात तो यह है कि करीब 25 किलोमीटर क्षेत्र में चल रहा सड़क और फुटपाथ निर्माण का कार्य तीन वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया है। अब अगले माह कैलादेवी मेला शुरू होने वाला है और पदयात्रियों के लिए परेशानियां पहले की तरह ही रहेंगी।
उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल कैलादेवी के लिए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य राज्यों एवं राजस्थान से पैदल आने वाले लाखों पदयात्रियों को सुविधा के लिए ढाई करोड़ की लागत से बनवाया पैदल मार्ग अतिक्रमण की भेंट चढ़ने और गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं होने के कारण कागजी खानापूर्ति साबित हो रहा है।
प्रतिवर्ष करीब 50 लाख श्रद्धालु पैदल यात्रा कर प्रसिद्ध कैलादेवी तीर्थ स्थल पहुंचते हैं, लेकिन सड़क की चौड़ाई कम होने से यात्रियों को परेशानी होती है। इस कारण वर्ष 2014 में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने करौली के गंगापुर सिटी मोड़ से कैलादेवी तक ऐसे पदयात्रियों के चलने के लिए करीब ढाई करोड़ की लागत से अलग से पदमार्ग बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद माह दिसंबर 2014 में कार्य शुरू हुआ, जो मार्च 2015 में पूरा होना था। हालत यह है कि अभी तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इसके अलावा जो कार्य हुआ है, वह घटिया स्तर का होने से कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया है। यह पैदल मार्ग लोगों के घरों व दुकानों से होकर निकल रहा है। ऐसे में लोगों ने उस पर वापस निर्माण करा दिया है तो कई स्थानों पर लोगों ने अवैध निर्माण हटाए ही नहीं हैं। इस कारण इस मार्ग की उपयोगिता ही नहीं रही। वहीं कई स्थानों पर पेड़ आ जाने से निर्माण नहीं हो पाया है।
समय पर प्रशासन चेता तो बच सकते हैं परेशानियों से
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