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जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष राष्ट्रद्रोह के आरोप में अरेस्ट,3दिन का रिमांड
नई दिल्ली। अफजल गुरू को शहीद बताने और देश विरोधी नारे लगाने पर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया। छात्रसंघ अध्यक्ष को अदालत ने 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया। कोर्ट में कन्हैया कुमार ने बयान दिया कि कार्यक्रम हमने नहीं कराया।
कन्हैया को जेएनयू के एक छात्रावास से दक्षिण दिल्ली की वसंत कुंज उत्तर पुलिस ने गिरफ्तार किया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था कि राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, इसके कुछ ही घंटों के बाद यह कार्रवाई की गई।
पुलिस ने दावा किया है कि कुमार को एक वीडियो में देखा गया है जिसमें लोग भारत विरोधी नारे लगा रहे थे।पुलिस ने कुमार को अदालत में पेश किया और उससे पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की मांग की। पुलिस ने कहा कि कुछ आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों की जांच और उस कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाने में शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। पुलिस ने अदालत को बताया कि जो पांच अन्य आरोपी उस वीडियो में हैं उनके नाम उमर खालिद, अनिरवन भट्टाचार्य, आशुतोष, अनंत प्रकाश और रामा नागा है। पुलिस ने अदालत को वह वीडियो भी दिखाई।
वहीं, कन्हैया कुमार ने अदालत को बताया कि पुलिस उन्हें झूठे मामले में फंसा रही है। कुमार ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि उसने ना तो कोई नारेबाजी की थी और ना ही भारत के खिलाफ कुछ कहा था। उसने बताया कि वह मौके पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं और छात्रों के बीच चल रही झड़प में बीचबचाव करने गया था।
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इस बीच टीचर्स एसोसिएशन ने छात्र संघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी का विरोध किया है। टीचर्स एसोसिएशन तीन मांगों के साथ जेएनयू के वीसी से मिला। इसमें छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की तुरंत रिहाई, छात्रों और शिक्षकों से पूछताछ और समन रोकने की मांग और छात्रों पर लगी धाराओं को खत्म करने की मांग शामिल है।
उधर, इसी मामले पर राजपथ पर प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही, गुरूवार शाम प्रेस क्लब में हुई देश विरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली जावेद को भी पूछताछ के लिए तलब कर लिया गया। पुलिस की ओर से बुलाए जाने पर प्रोफेसर जावेद अपने वकील के साथ संसद मार्ग पुलिस स्टेशन पहुंच गए।
प्रेस क्लब ने प्रोफेसर जावेद अली की सदस्यता रद्द कर दी है। क्लब की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कार्यक्रम के लिए हॉल की बुकिंग के दौरान उन्होंने हमें अंधेरे में रखा। हम ऎसे व्यवहार की घोर निंदा करते हैं।
कन्हैया को जेएनयू के एक छात्रावास से दक्षिण दिल्ली की वसंत कुंज उत्तर पुलिस ने गिरफ्तार किया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था कि राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, इसके कुछ ही घंटों के बाद यह कार्रवाई की गई।
पुलिस ने दावा किया है कि कुमार को एक वीडियो में देखा गया है जिसमें लोग भारत विरोधी नारे लगा रहे थे।पुलिस ने कुमार को अदालत में पेश किया और उससे पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की मांग की। पुलिस ने कहा कि कुछ आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों की जांच और उस कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाने में शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। पुलिस ने अदालत को बताया कि जो पांच अन्य आरोपी उस वीडियो में हैं उनके नाम उमर खालिद, अनिरवन भट्टाचार्य, आशुतोष, अनंत प्रकाश और रामा नागा है। पुलिस ने अदालत को वह वीडियो भी दिखाई।
वहीं, कन्हैया कुमार ने अदालत को बताया कि पुलिस उन्हें झूठे मामले में फंसा रही है। कुमार ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि उसने ना तो कोई नारेबाजी की थी और ना ही भारत के खिलाफ कुछ कहा था। उसने बताया कि वह मौके पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं और छात्रों के बीच चल रही झड़प में बीचबचाव करने गया था।
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इस बीच टीचर्स एसोसिएशन ने छात्र संघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी का विरोध किया है। टीचर्स एसोसिएशन तीन मांगों के साथ जेएनयू के वीसी से मिला। इसमें छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की तुरंत रिहाई, छात्रों और शिक्षकों से पूछताछ और समन रोकने की मांग और छात्रों पर लगी धाराओं को खत्म करने की मांग शामिल है।
उधर, इसी मामले पर राजपथ पर प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही, गुरूवार शाम प्रेस क्लब में हुई देश विरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली जावेद को भी पूछताछ के लिए तलब कर लिया गया। पुलिस की ओर से बुलाए जाने पर प्रोफेसर जावेद अपने वकील के साथ संसद मार्ग पुलिस स्टेशन पहुंच गए।
प्रेस क्लब ने प्रोफेसर जावेद अली की सदस्यता रद्द कर दी है। क्लब की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कार्यक्रम के लिए हॉल की बुकिंग के दौरान उन्होंने हमें अंधेरे में रखा। हम ऎसे व्यवहार की घोर निंदा करते हैं।
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