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जाट आंदोलन: HCजाएगी खट्टर सरकार
चंडीगढ़। हरियाणा में एक बार फिर जाट आंदोलन की चिंगारी सुलगने लगी है। जाट
नताओं ने 5 जून से एक बार फिर आंदोलन पर उतरने की चेतावनी दी है। अखिल
भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एबीजेएएसएस) ने सरकारी नौकरियों में
आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आन्दोलन शुरू करने की
चेतावनी दी। इसे देखते हुए राज्य सरकार एवं पुलिस ने विभिन्न जगहों पर
सुरक्षा बलों को भेजना शुरू कर दिया है। राज्य के आठ जिलों में धारा 144
लगा दी गई है। इसी के साथ आंदोलन को रोकने के लिए खट्टर सरकार हाईकोर्ट में
गुहार लगाने की तैयारी कर रही है।
संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती
हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कहा कि विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप्प जैसे संवेदनशील पर खास नजर रखने को कहा गया है।
सोनीपत के जिलाधिकारी के. मकरंद पांडुरंग ने रविवार को तनाव, संघर्ष, मानव जीवन को खतरा, संपत्ति को नुकसान और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता(सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया। फिर से आंदोलन की स्थिति में हिंसा की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। यह आदेश 28 मई से 27 जुलाई तक प्रभावी रहेगा। जिले के सभी अफसरों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई है। आंदोलन की धमकी को देखते हुए मुनक नहर पर सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। जाटों का कहना है कि उनकी मांगें न माने जाने पर वे सरकार के बहिष्कार का फैसला भी कर सकते हैं।
एबीजेएएसएस के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे। हालांकि उन्होंने आन्दोलन के बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया। मलिक ने कहा, हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालेंगे, लेकिन पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करेगी या हिंसक तरीके से हम लोगों को रोकने की कोशिश करेगी, तो आंदलनकारी अपना निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा, हम लोगों से वादा किया गया था कि जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान जो लोग पहले गिरफ्तार किए गए थे, उन्हें रिहा किया जाएगा और मारे गए लोगों के परिजनों या घायलों को मुआवजा दिया जाएगा।
फरवरी में भडक़ा जाट आंदोलन
संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती
हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कहा कि विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप्प जैसे संवेदनशील पर खास नजर रखने को कहा गया है।
सोनीपत के जिलाधिकारी के. मकरंद पांडुरंग ने रविवार को तनाव, संघर्ष, मानव जीवन को खतरा, संपत्ति को नुकसान और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता(सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया। फिर से आंदोलन की स्थिति में हिंसा की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। यह आदेश 28 मई से 27 जुलाई तक प्रभावी रहेगा। जिले के सभी अफसरों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई है। आंदोलन की धमकी को देखते हुए मुनक नहर पर सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। जाटों का कहना है कि उनकी मांगें न माने जाने पर वे सरकार के बहिष्कार का फैसला भी कर सकते हैं।
एबीजेएएसएस के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे। हालांकि उन्होंने आन्दोलन के बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया। मलिक ने कहा, हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालेंगे, लेकिन पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करेगी या हिंसक तरीके से हम लोगों को रोकने की कोशिश करेगी, तो आंदलनकारी अपना निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा, हम लोगों से वादा किया गया था कि जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान जो लोग पहले गिरफ्तार किए गए थे, उन्हें रिहा किया जाएगा और मारे गए लोगों के परिजनों या घायलों को मुआवजा दिया जाएगा।
फरवरी में भडक़ा जाट आंदोलन
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