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50 हजार रुपए की घूस लेते जालाेर नगर परिषद कमिश्नर गिरफ्तार
जालोर। नगर परिषद चेयरमैन के बाद अब आयुक्त त्रिकमदान चारण रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं। एसीबी ने उन्हें उनके आवास से रविवार को गिरफ्तार किया। वे पट्टा जारी करने की एवज में एक व्यक्ति से 50 हजार रुपए रिश्वत ले रहे थे।
एसीबी के उपाधीक्षक अन्नराजसिंह राजपुरोहित ने बताया कि आयुक्त चारण ने राजेंद्र नगर निवासी डायाराम माली से आइटीआई के पास प्लॉट का पट्टा बनाने के एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी। परिवादी की शिकायत का सत्यापन करने पर शिकायत सही पाई गई। एसीबी के कहेनुसार परिवादी सुबह 7 बजे रिश्वत देने पहुंचा। आयुक्त ने परिवादी को चाय पिलाकर बाहर बैठा दिया। इसके बाद आयुक्त को कार्रवाई का शक हो गया था। इस पर करीब डेढ़ घंटे तक अपने आवास के बाहर राजेंद्र नगर मैन रोड मलकेश्वर मठ रोड पर घूमते रहे। बाद में वो अपने आवास पर पहुंचे तथा परिवादी को बुलाकर रुपए लेकर जेब में रख लिए। परिवादी के इशारा करते ही एसीबी ने आयुक्त की जेब से रुपए बरामद कर गिरफ्तार कर लिया।
परिवादी डायाराम माली ने बताया कि पिछले महीने शिविर के दौरान वह आयुक्त से पांच बार और मिले मगर आयुक्त ने पट्टे पर हस्ताक्षर नहीं किए। इससे तंग आकर वह 20 जुलाई को आयुक्त के आवास पहुंचे तथा उन्हें लिफाफे में 10 हजार रुपए डालकर दिए। तब आयुक्त ने वहां खड़े ड्राइवर को लिफाफा लेने की बात कही तथा उन्हें दूसरे दिन काम करने का आश्वासन दिया।
एसीबी के उपाधीक्षक अन्नराजसिंह राजपुरोहित ने बताया कि आयुक्त चारण ने राजेंद्र नगर निवासी डायाराम माली से आइटीआई के पास प्लॉट का पट्टा बनाने के एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी। परिवादी की शिकायत का सत्यापन करने पर शिकायत सही पाई गई। एसीबी के कहेनुसार परिवादी सुबह 7 बजे रिश्वत देने पहुंचा। आयुक्त ने परिवादी को चाय पिलाकर बाहर बैठा दिया। इसके बाद आयुक्त को कार्रवाई का शक हो गया था। इस पर करीब डेढ़ घंटे तक अपने आवास के बाहर राजेंद्र नगर मैन रोड मलकेश्वर मठ रोड पर घूमते रहे। बाद में वो अपने आवास पर पहुंचे तथा परिवादी को बुलाकर रुपए लेकर जेब में रख लिए। परिवादी के इशारा करते ही एसीबी ने आयुक्त की जेब से रुपए बरामद कर गिरफ्तार कर लिया।
परिवादी डायाराम माली ने बताया कि पिछले महीने शिविर के दौरान वह आयुक्त से पांच बार और मिले मगर आयुक्त ने पट्टे पर हस्ताक्षर नहीं किए। इससे तंग आकर वह 20 जुलाई को आयुक्त के आवास पहुंचे तथा उन्हें लिफाफे में 10 हजार रुपए डालकर दिए। तब आयुक्त ने वहां खड़े ड्राइवर को लिफाफा लेने की बात कही तथा उन्हें दूसरे दिन काम करने का आश्वासन दिया।
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