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उद्योगपति और वकीलों ने जीएसटी के खिलाफ मोर्चा खोला

khaskhabar.com : रविवार, 22 अक्टूबर 2017 7:14 PM (IST)
उद्योगपति और वकीलों ने जीएसटी के खिलाफ मोर्चा खोला
रोहतक। प्रदेश के उद्योगपति और सेल टेक्स बार के वकील जीएसटी के खिलाफ एकजुट हो गए है। व्यापारियों और सेल टेक्स के वकीलों की जीएसटी को सरलीकरण करने की मांग लम्बे समय से चली आ रही है। सरकार के अडियल रवैये के कारण अब सरकार के जीएसटी के खिलाफ अपना विरोध शुरू कर दिया है। वहीं सेल टेक्स बार एसोसिएशन ने जीएसटी के ओवर लोड वर्क के कारण हड़ताल पर है। वहीं हरियाणा उधोग व्यापार हित मंडल भी जीएसटी के खिलाफ आ गया है और भविष्य में प्रदेश बन्द करने की चेतावनी दी है। आज रोहतक में दोनों संगठनों ने एक सांझी प्रेस वार्ता कर अपनी जीएसटी को लेकर समस्या रखी।
हरियाणा उधोग व्यापार हित मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अनिल भाटिया ने बताया कि सरकार ने 30 जून को लोकसभा में घण्टा बजाकर कर जीएसटी को लागू किया। हमारे नेताओं ने वायदा किया था कोई दिक्कत नही आने दी जायेगी। जिस तरह से सरकार ने जीएसटी को लेकर एक अच्छी टैक्स पॉलिसी बताया था। जिससे व्यापारियों को टैक्स भरने में कोई परेशानी नही आएगी । जीएसटी को जैसे ही लागू किया तो यह व्यापारियों के लिए आसान नहीं साबित हुआ। जीएसटी को भरने में उन्हें बहुत दिक्कत आ रही है। व्यापारी ही नहीं बल्कि सेल टेक्स भरने वाले वकील भी परेशान है। आज व्यापार करना कठिन हो गया। ईमानदार व्यापारी टेक्स भरना चाहता है। वर्क लोड होने बिक्री कर वकील भी परेशान हो कर हड़ताल पर है। सरकार पहले कहती थी तीन महीने रिटर्न भरने को कहा जाता अब महीने में तीन बार रिटर्न भरने को कहा है। सरकार ने बिना सोचे समझे जीएसटी को लागू किया गया है। आज ईमानदारी से काम करना मुश्किल हो गया है। अगर व्यापारी ईमानदार नहीं होगा तो देश की आर्थिक व्यवस्था खराब हो जायेगी। देश के पीएम ओर वित्त मंत्री से अपील है हमारी पहले वाली रिटर्न भरने की व्यवस्था कर दे नही तो सड़क पर नही आयगे बल्कि प्रदेश बन्द करने की सोच रहे है हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष एक मीटिंग कर देश मे बन्द बुलाने की बात भी कही।
सेल टेक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि पहले हम तीन महीने में एक रिटर्न भरते थे जब से जीएसटी आया महीने में रिटर्न भरने को कहा गया मगर अब महीने में भी चार बार तक रिटर्न भरी जाती है। जो कि गैर कानूनी है। एक महीने में चार चार रिटर्न भरनी नामुकिन है। आर 1,आर 2,आर 3 फार्म भरने की परिक्रिया बहुत ही कठिन है। पहले विभाग ये फार्म भरने का काम करता था मगर अब यह काम हमे करना पड़ रहा है। हमारा वर्क लोड भी ज्यादा हो गया और टेक्स समय पर भरने पर बजी लेक्ट फीस लगाई जा रही है। जीएसटी को सरल किया जाए। हम तो अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है।

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