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भारत की पाक को फिर सख्त नसीहत, सिंधु जल संधि पर कोई बदलाव नहीं
नई दिल्ली। पाकिस्तान के एक मंत्री ने भले ही कहा है कि भारत और पाकिस्तान सिंधु घाटी में दो विवादित जल परियोजनाओं को लेकर अगले महीने वाशिंगटन में बातचीत करेंगे, लेकिन केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि इस मुद्दे पर भारत के पहले के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने यहां अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं आप से स्पष्ट कर दूं कि (इस्लामाबाद में हुई स्थायी सिंधु जल आयोग की) बैठक में जिन मामलों पर चर्चा हुई थी, उसमें से किसी पर भी भारत के पहले के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, इस बिंदु पर यह काल्पनिक आकस्मिकताओं पर बात करना जल्दबाजी होगी। इस्लामाबाद में 21 और 22 मार्च को हुई आयोग की बैेठक से पूर्व पाकिस्तानी जल एवं विद्युत मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि दोनों देश 11 अप्रैल से वाशिंगटन में विश्व बैंक के अधीन किशनगंगा और रातल जलविद्युत परियोजनाओं पर तीन दिवसीय सचिव स्तर की बातचीत करेंगे। आसिफ ने सोमवार को इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, अमेरिका ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों देशों की मदद हेतु सर्वोच्च स्तर पर हस्तक्षेप किया है। वाशिंगटन में 11,12 और 13 अप्रैल को रातले और किशनगंबा जलविद्युत परियोजनाओं पर सचिव स्तर की बातचीत होगी। उन्होंने कहा था, हमें खुशी है कि भारत अंतत: आयोग स्तर पर बातचीत बहाल करने को सहमत हुआ है। हम इस निर्णय का और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे का स्वागत करते हैं।
उल्लेखनीय है कि सिंधु जल आयुक्त पी.के. सक्सेना के नेतृत्व में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने वार्षिक वार्ता के लिए इस्लामाबाद का दौरा किया था। बागले ने कहा कि जब तक भारत इस संधि में एक पक्ष है, उसकी वैधानिक जिम्मेदारी बनती है कि संधि की निर्धारित बैठकों में हिस्सा ले, कम से कम प्रत्येक वित्तवर्ष में एक बार। उन्होंने कहा,आयोग इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों की एक द्विपक्षीय संस्था है। इनके बीच विस्तृत तकनीकी चर्चाएं होती हैं। बागले ने कहा, हमारी टीम लौट आई है और अब (इस्लामाबाद) बैठक में हुई चर्चाओं का आकलन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, इस बिंदु पर यह काल्पनिक आकस्मिकताओं पर बात करना जल्दबाजी होगी। इस्लामाबाद में 21 और 22 मार्च को हुई आयोग की बैेठक से पूर्व पाकिस्तानी जल एवं विद्युत मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि दोनों देश 11 अप्रैल से वाशिंगटन में विश्व बैंक के अधीन किशनगंगा और रातल जलविद्युत परियोजनाओं पर तीन दिवसीय सचिव स्तर की बातचीत करेंगे। आसिफ ने सोमवार को इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, अमेरिका ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों देशों की मदद हेतु सर्वोच्च स्तर पर हस्तक्षेप किया है। वाशिंगटन में 11,12 और 13 अप्रैल को रातले और किशनगंबा जलविद्युत परियोजनाओं पर सचिव स्तर की बातचीत होगी। उन्होंने कहा था, हमें खुशी है कि भारत अंतत: आयोग स्तर पर बातचीत बहाल करने को सहमत हुआ है। हम इस निर्णय का और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे का स्वागत करते हैं।
उल्लेखनीय है कि सिंधु जल आयुक्त पी.के. सक्सेना के नेतृत्व में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने वार्षिक वार्ता के लिए इस्लामाबाद का दौरा किया था। बागले ने कहा कि जब तक भारत इस संधि में एक पक्ष है, उसकी वैधानिक जिम्मेदारी बनती है कि संधि की निर्धारित बैठकों में हिस्सा ले, कम से कम प्रत्येक वित्तवर्ष में एक बार। उन्होंने कहा,आयोग इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों की एक द्विपक्षीय संस्था है। इनके बीच विस्तृत तकनीकी चर्चाएं होती हैं। बागले ने कहा, हमारी टीम लौट आई है और अब (इस्लामाबाद) बैठक में हुई चर्चाओं का आकलन किया जा रहा है।
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