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ह्रदय रोग के इलाज में लापरवाही बरती, अब अस्पताल भरेगा 47 लाख का हर्जाना
जयपुर। ह्रदय रोग के इलाज में लापरवाही से हुए एक व्यक्ति की मौत का खामियाजा अब अस्पताल को भुगतना होगा। राज्य उपभोक्ता आयोग ने इलाज में लापरवाही पर गोयल हॉस्पिटल एंड
रिसर्च सेंटर जोधपुर को दोषी मानते हुए 47 लाख 35 हजार रुपए का हर्जाना किया है। अस्पताल के डायरेक्टर एमडी डॉ. आनंद गोयल सहित को कहा गया है कि वह
हर्जाना राशि परिवाद दायर होने की तारीख 31 मई 2007 से 9 प्रतिशत ब्याज
सहित दे।
आयोग के सदस्य (न्यायिक) कमल कुमार बागड़ी सदस्य मीना मेहता की बेंच ने यह आदेश हरिहर रजक अन्य के परिवाद पर दिया। बेंच ने आदेश में कहा कि एसके रजक का देहांत एक जून 2005 को हुआ था जबकि उसकी डेथ समरी रिपोर्ट 30 जून 2005 को बनाई है। ऐसे में जब मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया था और उसमें मृत्यु का कारण नहीं लिखा गया तो फिर डेथ समरी रिपोर्ट भी तत्काल ही बनाई जानी चाहिए थी। परिजनों को देनी चाहिए थी लेकिन यह रिपोर्ट कई बार मांगने पर दी गई जो अस्पताल डाक्टर्स पर संदेह पैदा करती है। परिवाद में कहा था कि प्रार्थी का बेटा एसके रजक बैंक में सीटीओ था और विवाहित था।
आयोग के सदस्य (न्यायिक) कमल कुमार बागड़ी सदस्य मीना मेहता की बेंच ने यह आदेश हरिहर रजक अन्य के परिवाद पर दिया। बेंच ने आदेश में कहा कि एसके रजक का देहांत एक जून 2005 को हुआ था जबकि उसकी डेथ समरी रिपोर्ट 30 जून 2005 को बनाई है। ऐसे में जब मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया था और उसमें मृत्यु का कारण नहीं लिखा गया तो फिर डेथ समरी रिपोर्ट भी तत्काल ही बनाई जानी चाहिए थी। परिजनों को देनी चाहिए थी लेकिन यह रिपोर्ट कई बार मांगने पर दी गई जो अस्पताल डाक्टर्स पर संदेह पैदा करती है। परिवाद में कहा था कि प्रार्थी का बेटा एसके रजक बैंक में सीटीओ था और विवाहित था।
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