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हिन्दू समाज भगवान वाल्मिकी जी का सदैव रहेगा ऋणी: सांसद अश्विनी चोपड़ा

khaskhabar.com : रविवार, 05 नवम्बर 2017 3:46 PM (IST)
हिन्दू समाज भगवान 
वाल्मिकी जी का सदैव रहेगा ऋणी: सांसद अश्विनी चोपड़ा
करनाल। करनाल संसदीय क्षेत्र के सांसद अश्विनी चोपड़ा ने कहा कि हिन्दू समाज पवित्र ग्रंथ रामायण के रचियता भगवान वाल्मीकि जी का सदैव ऋणी रहेगा, भगवान वाल्मीकि जी ने सीता माता को आश्रय दिया और उनके दोनों पुत्रों लव और कुश को शिक्षा देने के साथ-साथ धनुर्विद्या में निपुण किया। अगर भगवान वाल्मीकि ना होते तो श्री रामचंद्र के दोनों पुत्रों का पालन-पोषण सही प्रकार से नहीं होता। वे शनिवार को देर सायं स्थानीय रामलीला भवन में भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज करनाल द्वारा आयोजित लव-कुश विजय दिवस पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।


कार्यक्रम की शुरूआत सांसद अश्विनी चोपड़ा, आदि धर्मगुरू परम पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज ,मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेन्द्र सिंह,स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र,मेयर रेनू बाला गुप्ता तथा भाजपा के जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भगवान वाल्मीकि के चित्र पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्जवलित करके की।
सांसद ने कहा कि भगवान वाल्मीकि द्वारा दी गई शिक्षा-दीक्षा के फलस्वरूप ही लव-कुश ने धनुर्विद्या में निपुणता से अपने पिता रामचंद्र को पराजित किया था। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज आज भी बेहद पिछड़ा हुआ है,जिसे आरक्षण की जरूरत है। उन्होंने शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि समाज के लोगों को बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए, शिक्षा के द्वारा ही समाज आगे बढ़ सकता है। उन्होंने वाल्मीकि समाज के लोगों की मांगों को ना केवल स्वीकार किया बल्कि यह भरोसा भी दिलवाया कि वाल्मीकि समाज के हितों की आवाज संसद में जरूर उठाउंगा। इस मौके पर सांसद ने 11 लाख रूपये देने की घोषणा भी की।

इस मौके पर स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र ने सांसद अश्विनी चोपड़ा का अभिनंदन किया और भगवान वाल्मीकि की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान वाल्मीकि दुनिया के प्रथम आदिकवि है, मानवता की भलाई के लिए रामायण जैसे पवित्र ग्रंथ की रचना की है। हमें आज के समय में भगवान वाल्मीकि की शिक्षाओं पर चलने की जरूरत है। इस अवसर पर प्रथम आदि धर्मगुरू परम पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज ने कार्यक्रम में ज्ञान अमृत वर्षा की। लव-कुश व भगवान वाल्मीकि के जीवन पर आधारित सुंदर झांकी भी मुख्य मंच पर प्रस्तुत की गई तथा कार्यक्रम के दौरान भंडारे का भी आयोजन किया गया। भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज द्वारा इस अवसर पर समाज के प्रतिभावान व्यक्तियों व छात्रों को सम्मानित भी करवाया गया।

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